केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी, आप ने बताया उत्पीड़न
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केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी से राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी, आप ने बताया 'उत्पीड़न'

आप ने ईडी पर कथित आबकारी नीति मामले की जांच में 'लापरवाही' बरतने का आरोप लगाया, जिसमें केजरीवाल और सिसोदिया सहित आप के कई वरिष्ठ नेता जेल में बंद हैं।


LG Gives Prosecution Sanction Against Arvind Kejriwal : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा कथित आबकारी नीति मामले में अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शनिवार (21 दिसंबर) को मंजूरी दिए जाने पर आप ने कड़ा विरोध जताया है। आम आदमी पार्टी (आप) ने इस कदम को मज़ाक बताया, क्योंकि यह अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उठाया गया है। पार्टी ने ईडी से मंजूरी की एक प्रति दिखाने को कहा। अधिकारियों के अनुसार, ईडी ने 5 दिसंबर को मुख्य सतर्कता अधिकारी के तौर पर दिल्ली के मुख्य सचिव धर्मेंद्र को पत्र लिखकर केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी।


बयानबाजी बंद करें: सिसोदिया
पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि यह कदम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में बीआर अंबेडकर पर दिए गए बयान से पैदा हुई परेशानी से ध्यान हटाने के लिए उठाया गया है। मनीष ने एक्स पर लिखा, "बाबा साहेब के प्रति अनादर के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए यह बयानबाजी बंद करें और बताएं कि ईडी को मुकदमा चलाने की मंजूरी कहां दी गई है।" ईडी ने कथित तौर पर आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में "भारी स्तर का भ्रष्टाचार" पाया, और इसलिए इस महीने सक्सेना से पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी।

आप ने ईडी पर हमला किया
हालांकि, सक्सेना के कार्यालय के अनाम अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि अभियोजन की अनुमति दे दी गई है। आप ने ईडी पर मामले की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया, जिसके संबंध में केजरीवाल और सिसोदिया सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जेल में बंद हैं। पार्टी ने कहा, "तथ्य यह है कि वे शिकायत दर्ज होने के लगभग एक साल बाद अभियोजन की मंजूरी के बारे में बात कर रहे हैं, यह दर्शाता है कि प्रवर्तन निदेशालय इस मामले को किस लापरवाही से संभाल रहा है।"

'एक पैसा भी बरामद नहीं हुआ'
आप ने जाँच एजेंसी पर “हर प्रक्रियागत मानदंड का उल्लंघन” करने और जांच के नाम पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। आप ने कहा, ‘‘तथाकथित शराब घोटाले की जांच दो साल तक चली, 500 लोगों को परेशान किया गया, 50,000 पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए गए और 250 से अधिक छापे मारे गए, लेकिन एक भी पैसा बरामद नहीं हुआ।’’ इसमें कहा गया है, "पिछले कुछ सालों में विभिन्न अदालती आदेशों के ज़रिए इस मामले में कई खामियाँ उजागर हुई हैं। भाजपा का असली लक्ष्य किसी भी तरह से आप और अरविंद केजरीवाल को कुचलना है।"

भाजपा ने बताया आप की बौखलाहट आ रही है नज़र
दिल्ली से भाजपा की सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा है कि टीम केजरीवाल उपराज्यपाल द्वारा दी गयी मंजूरी के बाद बौखला सी गयी है। ऐसा इसलिए क्योंकि उपराज्यपाल ने केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी तो केजरीवाल सरकार का भ्रष्टाचार राजनीतिक विमर्श का मुख्य मुद्दा बन जायेगा और टीम केजरीवाल चुनाव से पहले यह नहीं चाहती। सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा है कि टीम केजरीवाल पूर्व मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने की अनुमति को सामायिक राजनीतिक विषयों से जोड़ कर दिखा रही है पर सच यह है कि अरविंद केजरीवाल पर केस तो पहले से ही दर्ज है और टीम केजरीवाल जानती है कि इस अनुमति के बाद केजरीवाल पर चल रहे मुकदमे में तेज़ी आ सकती है और शीघ्र उनके लिए जेल का दरवाजा खुल सकता है।


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