दिल्ली-एनसीआर में सांसों पर आफत, फिलहाल वायु प्रदूषण से नहीं राहत
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दिल्ली-एनसीआर में सांसों पर आफत, फिलहाल वायु प्रदूषण से नहीं राहत

दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इतना ही नहीं, धुंध की चादर में पूरा इलाका समा गया है.


Delhi-NCR air pollution: दिल्ली- एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. राष्ट्रीय राजधानी की आबोहवा में जहर पूरी तरह घुल चुका है. इतना ही नहीं, धुंध की चादर में पूरा इलाका समा गया है. खासकर सुबह के समय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार 'बहुत खराब' श्रेणी से 'गंभीर' के बीच बना हुआ है. ऐसे में दिल्ली सरकार को ग्रैप-3 लागू करना पड़ा.

दिल्ली के लोगों को लगातार चौथे दिन खतरनाक रूप से खराब वायु गुणवत्ता का सामना करना पड़ रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट है कि शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 406 तक पहुंच गया. जिस वजह से वायु गुणवत्ता को 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया.

प्रदूषण के इस बढ़े हुए स्तर से लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और हृदय संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एम्स और प्रगति मैदान जैसे क्षेत्रों के पास ड्रोन फुटेज में देखा गया है कि पूरे शहर में धुंध की मोटी परत दिखाई दे रही है. वहीं, सुबह मॉर्निंग वॉक में निकले लोगों का कहना है कि दौड़ते समय हम अधिक थक जाते हैं. हमें बार-बार ब्रेक की जरूरत होती है. खांसी होती है और गले में भी दर्द होता है. हम प्रदूषण के कारण ज्यादा देर तक नहीं दौड़ पा रहे हैं.

वहीं, दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-III) को लागू कर दिया है. इसके तहत पुराने वाहनों (बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल चार पहिया वाहन) पर प्रतिबंध और सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव बढ़ाना शामिल है। यह स्थिति दिल्ली में चल रहे वायु प्रदूषण संकट को उजागर करती है, क्योंकि GRAP-III को 2023 की तुलना में बाद में लागू किया जा रहा है.

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