सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद दिल्ली NCR से GRAP-4 हटा लेकिन GRAP 2 लागू
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के AQI लेवल में हुए सुधर के बाद CAQM को दिल्ली एनसीआर से GRAP-4 हटाने की अनुमति दे दी है लेकिन कहा कि GRAP 2 और GRAP 1 की शर्तें लागू रहेंगी. साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बनाये रखने पर काम करना होगा.
Delhi AQI : दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय तक गंभीर वायु प्रदूषण का सामना करने के बाद, अब प्रदूषण स्तर में कमी आई है। सुप्रीम कोर्ट ने CAQM की सिफारिशों को स्वीकारते हुए ग्रैप-4 प्रतिबंधों को हटाने की अनुमति दी है। इसके साथ ही, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रदूषण स्तर में वृद्धि होने पर तुरंत आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। कोर्ट ने कहा कि अभी अतिरिक्त पाबन्दियों के साथ स्टेज 2 लागू किया जा सकता है। स्टेज 2 से कम की स्टेज को अभी लागू नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने AQI में गिरावट के चलते ये फैसला लिया है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगर AQI 350 से ऊपर जाता है तो तुंरत ग्रेप 3 और अगर 400 से ऊपर गया तो कमीशन तुंरत ग्रेप 4 लागू करेगा
The Hon’ble Supreme Court in its hearing on date, based on the air quality data placed before the Hon’ble Supreme Court, inter-alia observed and permitted CAQM to revoke Stage-IV but not to go below Stage-II of GRAP for the present.
— Commission for Air Quality Management (@CAQM_Official) December 5, 2024
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दिल्ली - NCR में GRAP-4 हटाया गया
CAQM ने 'X' पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली से GRAP-4 को हटा दिया गया है, लेकिन GRAP - 2 को लागू किया जा रहा है क्योंकि प्रदूषण पर नियंत्रण की अभी भी आवश्यकता है। CAQM की तरफ से लिखा गया कि ''माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आज अपनी सुनवाई में, प्रस्तुत वायु गुणवत्ता डेटा के आधार पर, अन्य बातों के साथ-साथ, CAQM को चरण-IV को रद्द करने की अनुमति दी, लेकिन वर्तमान में GRAP के चरण-II से नीचे नहीं जाने दिया। तदनुसार, उप-समिति ने तत्काल प्रभाव से पूरे एनसीआर में GRAP के चरण-IV और चरण-III को रद्द करने का निर्णय लिया है। हालांकि, GRAP चरण II और I पूरे एनसीआर में लागू रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने यह स्वीकार किया कि वायु गुणवत्ता में मौसमी प्रभाव पड़ता है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वायु गुणवत्ता को लगातार मॉनिटर करना आवश्यक है और किसी भी खराब स्थिति में तुरंत कार्रवाई करनी होगी।
ASG भाटी का तर्क
ASG भाटी ने कहा कि नवंबर और दिसंबर के महीनों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता ऐतिहासिक रूप से खराब रहती है। भारत की भौगोलिक और मौसमी परिस्थितियों को यूरोपीय या फिनलैंड जैसे देशों से तुलना करना सही नहीं है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए, कोर्ट ने दीर्घकालिक योजना और बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया।
प्रतिबंधों में मिली राहत
ग्रैप-4 हटने के बाद कई क्षेत्रों में राहत दी जा सकती है:
1. परिवहन और वाहनों पर प्रतिबंध:
डीजल से चलने वाले भारी वाहनों और ट्रकों पर लगी रोक खत्म होगी।
2. उद्योग और निर्माण कार्य:
ईंधन आधारित उद्योगों को फिर से चालू करने की अनुमति।
निर्माण और तोड़फोड़ पर लगी पाबंदियां हटाई जा सकती हैं।
3. दफ्तरों में कामकाज:
सरकारी और निजी दफ्तरों में स्टाफ उपस्थिति अब 100% हो सकेगी।
आगे की तैयारी
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित रखने के लिए कोर्ट ने लंबी अवधि की योजना पर जोर दिया है। वहीँ प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि:
सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ किया जाए।
स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जाए।
निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के लिए कड़े नियम लागू किए जाएं।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रियाएं
इस निर्णय से दिल्लीवासियों ने राहत महसूस की है। पिछले एक महीने में गंभीर प्रदूषण ने स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था। हालांकि, लोग अभी भी इस बात को लेकर सतर्क हैं कि ठंड के दौरान स्थिति फिर से खराब हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट और CAQM के निर्देशों से यह स्पष्ट है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाने और निगरानी बनाए रखने की आवश्यकता है। मौसम में बदलाव के साथ, प्रदूषण स्तर में सुधार तो हुआ है, लेकिन इसे बनाए रखने के लिए सरकार, उद्योगों और जनता के सामूहिक प्रयासों की जरूरत होगी। इतना ही नहीं अगर AQI लेवल फिर से बढ़ता है तो दिल्ली वालों न केवल स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याएं होंगी बल्कि GRAP 3 और 4 लागू होने के बाद तमाम तरह की पाबंदियों को भी झेलना होगा।