सांसत में दिल्ली की सांसें, अति गंभीर श्रेणी में पहुंचा प्रदूषण, ग्रैप-4 लागू, इन चीजों पर लगी रोक
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार सुबह धुएं और कोहरे की मोटी परत छा गई. वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर "अति गंभीर" श्रेणी में पहुंच गया.
Delhi-NCR pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर घटने की बजाय लगातार बढ़ते जा रहा है. सुबह जब लोगों की आंख खुलती है तो पूरा इलाका धुंध की मोटी चादर में समाया दिखता है. आलम यह होता है कि चंद मीटर की दूरी तक देखना भी संभव नहीं होता है. पूरे इलाके में प्रदूषण का इतना भयंकर असर है कि लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया है. सरकार ने खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों से घर से न निकलने की अपील की है. सोमवार सुबह तो प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया कि ग्रैप-4 लागू करना पड़ा और कई तरह के कामों पर रोक लगानी पड़ी.
दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह धुएं और कोहरे का जहरीला मिश्रण यानी कि स्मॉग की मोटी परत छा गई. क्योंकि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गिरकर "काफी गंभीर" श्रेणी में पहुंच गया. इस वजह से सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों की घोषणा करनी पड़ी. गहरे स्मॉग की वजह से दिल्ली में विजिबिलिटी पर भी असर पड़ा. जिसके बाद विभिन्न एयरलाइनंस को कहना पड़ा कि उड़ानों के शेड्यूल में देरी हो सकती है. पालम में सुबह 7 बजे विजिबिलिटी घटकर 150 मीटर रह गई.
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (सफर) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में सुबह 6 बजे AQI 481 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे खराब स्तर है. अधिकारियों का कहना है कि यह दिल्ली-एनसीआर में "प्रतिकूल" मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण था. इसको देखते हुए केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने प्रदूषण विरोधी योजना ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण दिल्ली-एनसीआर में लागू कर दिया है. जो सोमवार सुबह 8 बजे से प्रभावी होंगे. इसके साथ ही आयोग ने लोगों खासकर बच्चों और बुजुर्गों के साथ सांस और हृदय संबंधित बीमारियों से पीड़ित लोगों से घर के अंदर रहने का आग्रह किया है.
ग्रैप-4 के तहत इन चीजों पर लगी रोक
Grap 4 के तहत आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (LNG/CNG/BS-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का इस्तेमाल करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड गैर-आवश्यक हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा, सिवाय ईवी और सीएनजी और बीएस-6 डीजल वाहनों और आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों के. दिल्ली में रजिस्टर्ड बीएस-4 या उससे पुराने डीजल मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा, सिवाय आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों के.
इसके साथ ही कक्षा 10 और 12 के छात्रों को छोड़कर सभी के लिए व्यक्तिगत कक्षाएं निलंबित कर दी गई हैं. हाइवे, सड़क, फ्लाईओवर, बिजली लाइनों, पाइपलाइनों और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों को निलंबित कर दिया गया है. दिल्ली-एनसीआर में सार्वजनिक और निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता पर काम करने की सिफारिश की गई है. जबकि बाकी घर से काम करेंगे. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए घर से काम करने का विकल्प भी पेश किया जा सकता है. राज्य सरकारें भी कॉलेज बंद कर सकती हैं. गैर-आवश्यक वाणिज्यिक गतिविधियों को सीमित कर सकती हैं और ऑड-ईवन वाहन नियम लागू कर सकती हैं.
इस साल राष्ट्रीय राजधानी में लगभग 38% प्रदूषण पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने या खेतों में आग लगाने के कारण हुआ है. दिल्ली हर सर्दियों में धुंध से जूझती है. क्योंकि ठंडी हवा धूल, उत्सर्जन और अवैध कृषि आग से निकलने वाले धुएं को अपने में फंसा लेती है.