दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल, GRAP स्टेज-II लागू
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दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना मुश्किल, GRAP स्टेज-II लागू

छोटी दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर में हवा जहरीली हो गई है। आनंद विहार में AQI 417 के स्तर पर है। प्रदूषण से निपटने के लिए GRAP स्टेज-II लागू किया गया है।


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Delhi NCR Air Pollution: दिवाली की चमक के बीच दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली हो गई है। वायु प्रदूषण का स्तर इतना खतरनाक हो गया है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आपात बैठक बुलाकर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) स्टेज-II को लागू करने का निर्णय लिया है।

खराब से बेहद खराब तक पहुंची हवा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है। आनंद विहार में प्रदूषण का स्तर सबसे चिंताजनक रहा। यहां AQI 417 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

नई दिल्ली: 367

विजय नगर (गाजियाबाद): 348

नोएडा सेक्टर-1: 344

नोएडा: 341

गुरुग्राम: 283

रविवार शाम तक दिल्ली का औसत AQI 300 से ऊपर पहुंच गया था, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया।

GRAP-2 लागू, 12 सूत्रीय एक्शन प्लान जारी

अब पूरे एनसीआर में GRAP स्टेज-II के तहत कड़े कदम तुरंत लागू होंगे। यह स्टेज-I के मौजूदा उपायों के साथ-साथ प्रभावी रहेगा।

उपाय

सड़क सफाई और पानी का छिड़काव – मशीनों से वैक्यूम क्लीनिंग और रोजाना वॉटर स्प्रे।

धूल नियंत्रण – व्यस्त सड़कों और हॉटस्पॉट क्षेत्रों में धूल रोकने वाले रसायनों का उपयोग।

निर्माण स्थलों की जांच – निर्माण और ध्वस्तीकरण स्थलों पर धूल नियंत्रण नियमों का सख्त पालन।

हॉटस्पॉट क्षेत्रों पर फोकस – प्रदूषण वाले इलाकों में विशेष मॉनिटरिंग और अतिरिक्त कर्मी तैनात।

डीज़ल जेनरेटर नियंत्रण – निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर DG सेट के उपयोग पर रोक।

ट्रैफिक प्रबंधन – भीड़भाड़ वाले इलाकों में यातायात का समन्वय और अतिरिक्त पुलिस बल।

जनजागरूकता अभियान – टीवी, रेडियो और अख़बारों में प्रदूषण से बचाव के संदेश।

निजी वाहनों को हतोत्साहित करना – पार्किंग शुल्क बढ़ाने और सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित करने का आदेश।

सार्वजनिक परिवहन का विस्तार – CNG और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी, साथ ही मेट्रो के फेरे बढ़ेंगे।

सर्दियों में हीटिंग उपाय – RWAs से आग्रह किया गया कि वे अपने कर्मचारियों को इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराएं।

प्रदूषणकारी बसों पर रोक – गैर-सीएनजी, गैर-इलेक्ट्रिक और BS-VI डीज़ल बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं।

ठोस कचरा जलाने पर रोक – खुले में बायोमास या कचरा जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई।

नागरिकों से अपील

निजी वाहनों का उपयोग सीमित करें और सार्वजनिक परिवहन अपनाएं।

निर्माण कार्यों में धूल नियंत्रण का पालन करें।

खुले में कचरा या बायोमास न जलाएं।

हवा के बहाव और मौसम की स्थिति पर नजर रखें।

छोटी दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर फिर से प्रदूषण की गिरफ्त में है। सरकार और एजेंसियां सक्रिय हैं, लेकिन असली जिम्मेदारी नागरिकों की भी है। जब तक लोग स्वयं प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी नहीं लेंगे, तब तक यह संकट हर सर्दी दोहराया जाता रहेगा।

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