शिक्षकों की डॉग ड्यूटी पर दिल्ली में रार: AAP का प्रहार, BJP का इंकार
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शिक्षकों की 'डॉग ड्यूटी' पर दिल्ली में रार: AAP का प्रहार, BJP का इंकार

शिक्षकों को 'स्ट्रीट डॉग ड्यूटी' देने पर AAP ने दिल्ली सरकार को घेरा; शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने आरोपों को नकारा, कहा- विपक्ष फैला रहा है आदेश के नाम पर सफेद झूठ।


AAP Vs BJP Delhi Government On Street Dogs : दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था और शिक्षकों के सम्मान को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आर-पार की जंग शुरू हो गई है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आवारा कुत्तों (स्ट्रीट डॉग) की निगरानी के लिए 'नोडल ऑफिसर' बनाने के कथित आदेश ने राजधानी के सियासी पारे को गरमा दिया है। एक तरफ जहाँ आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे 'शिक्षा का अपमान' करार दिया है, वहीं शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे विपक्ष का 'दुष्प्रचार' बताया है।


क्या है पूरा विवाद?

मामले की शुरुआत शिक्षा विभाग के एक कथित सर्कुलर से हुई। 'आप' विधायक संजीव झा और कुलदीप कुमार का दावा है कि 20 नवंबर 2025 को डायरेक्टरेट ऑफ एजुकेशन (केयर टेकिंग ब्रांच) ने एक आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत शिक्षकों को जिला स्तर पर आवारा कुत्तों से जुड़े मामलों की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सोशल मीडिया पर सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे को उठाते हुए तंज कसा कि "टीचर पढ़ाएंगे या अब आवारा कुत्ते देखेंगे?"

विपक्ष का प्रहार: "विरासत को खत्म कर रही सरकार"
विधायक संजीव झा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार के पिछले 10 साल के 'शिक्षा मॉडल' को मौजूदा बीजेपी सरकार ध्वस्त कर रही है। उन्होंने कहा:

शिक्षा बनाम निगरानी: "जिस शिक्षक ने दिल्ली के बच्चों को दुनिया के बेहतरीन विश्वविद्यालयों तक पहुँचाया, आज उन्हें कुत्तों की गिनती में लगाया जा रहा है।"

प्रोटोकॉल का उल्लंघन: AAP का तर्क है कि 2015 के बाद शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखा गया था, लेकिन अब उन्हें दोबारा 'क्लर्क' और 'गार्ड' की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।

सरकार का पलटवार: "आप की फैक्ट्री से निकला झूठ"

वहीं, शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इन आरोपों पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। उन्होंने वीडियो जारी कर इसे 'पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा' बताया।

आदेश की चुनौती: शिक्षा मंत्री ने दो टूक कहा कि अगर आम आदमी पार्टी के पास ऐसे किसी आदेश की मूल प्रति (Original Copy) है, तो उसे सार्वजनिक करे, वरना झूठ फैलाने के लिए माफी मांगे।

सांता क्लॉज और DSSSB विवाद: आशीष सूद ने कहा कि सांता क्लॉज बनने पर रोक और DSSSB की आयु सीमा जैसे मुद्दों पर भी भ्रम फैलाया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में सरकार पारदर्शिता से काम कर रही है और शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी जनविरोधी आदेश जारी नहीं किया गया है।


आशीष सूद ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा :

'' 1. आम आदमी पार्टी के तथाकथित स्वघोषित नेता बिना किसी प्रमाण के यह झूठा दावा कर रहे हैं कि दिल्ली के शिक्षकों को आवारा कुत्तों की गिनती के काम में लगाया गया है। यह दावा पूरी तरह असत्य है। अगर आम आदमी पार्टी के पास ऐसा कोई आदेश या सर्कुलर है, तो उसे सार्वजनिक करे...हवा में बातें करना बंद करे।

2. आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली के तहसीलदारों और सब रजिस्ट्रार की सस्पेंशन को लेकर झूठ फैलाकर प्रशासनिक अराजकता पैदा करने की कोशिश की गई। आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचारियों से इतना प्रेम क्यों है? आम आदमी पार्टी के शासनकाल में इन कार्यालयों में खुलेआम भ्रष्टाचार होता था और आज जब मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी की सरकार भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कर रही है तो आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचारियों के पक्ष में क्यों खड़ी है?

3. लगभग 25 दिसंबर को आम आदमी पार्टी द्वारा एक और झूठा ट्वीट किया गया, जिसमें कहा गया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में Santa Claus बनकर आने पर बच्चों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। यह भी पूरी तरह झूठ है और इसी मामले में एफआईआर दर्ज की गई है।

4. प्रदूषण पर हमारी सरकार स्वयं आगामी विधानसभा सत्र में प्रस्ताव लेकर आ रही है, प्रदूषण व पर्यावरण के मुद्दे पर खुली चर्चा की जाएगी ।

5. साथ ही, शीशमहल से जुड़े भ्रष्टाचार की सभी CAG रिपोर्ट्स और दिल्ली जल बोर्ड में हुए व्यापक भ्रष्टाचार से संबंधित रिपोर्टें जनता के सामने रखी जाएँगी, ताकि दिल्ली की जनता सच्चाई जान सके।

दिल्ली की जनता अब झूठ, भ्रम और दिखावे की राजनीति को समझ चुकी है और पूरी तरह नकार चुकी है


राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली सरकार में शीर्ष स्तर (शिक्षा मंत्री) और विभाग (डायरेक्टरेट) के बीच 'कम्युनिकेशन गैप' है या फिर विपक्ष पुराने आदेशों को नए संदर्भ में पेश कर रहा है।


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