DMK प्रमुख स्टालिन ने कहा- 40 में से 40 की जीत देश का नेतृत्व करने में करेगी मदद
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DMK प्रमुख स्टालिन ने कहा- '40 में से 40' की जीत देश का नेतृत्व करने में करेगी मदद

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि इंडिया गठबंधन संवैधानिक सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए देश का नेतृत्व करेगी और डीएमके की 40 सीट इसमें मदद करेगी.


Tamil Nadu Lok Sabha Elections 2024: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि इंडिया गठबंधन संवैधानिक सिद्धांतों की रक्षा करने के लिए देश का नेतृत्व करेगी. वहीं, डीएमके तमिलनाडु में सभी 39 सीट और पुडुचेरी में एक सीट जीतकर इस प्रयास में मददगार साबित होगी. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन की जीत से निरंकुशता पर लगाम लगी है और अब लोकतंत्र की नई कोंपलें फूटने लगी हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां राम मंदिर का निर्माण हुआ, वहां लोगों ने भाजपा की 'सांप्रदायिक' राजनीति को खारिज कर दिया है.

पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद पत्र लिखते हुए स्टालिन ने कहा कि लोगों ने डीएमके और सहयोगी दलों को शानदार जीत दिलाई है और कार्यकर्ताओं ने इस शानदार प्रदर्शन के लिए कड़ी मेहनत की है. पूर्ण समर्थन के लिए लोगों को तहे दिल से धन्यवाद देते हुए डीएमके प्रमुख ने कहा कि यह सफलता बड़े पैमाने पर मिली है, जिसने भाजपा शासन के 'सत्ता के दुरुपयोग' और 'अपमानजनक प्रचार' को ध्वस्त कर दिया है. साथ ही यह सुनिश्चित किया है कि 'सांप्रदायिक ताकतों' को तमिलनाडु में कोई मौका नहीं मिले. केवल तमिलनाडु और पुडुचेरी में ही इंडिया ब्लॉक ने पूर्ण विजय हासिल की है और यह लोगों के विश्वास तथा कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत का प्रमाण है. भाजपा को अपने दम पर बहुमत नहीं मिल पाना, जो कि एक झटका है, केवल यही दर्शाता है कि लोगों को केंद्र में भगवा पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार पर भरोसा नहीं रहा है.

भाजपा का नाम लिए बिना स्टालिन ने लोगों की आध्यात्मिक आस्था का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश करने के लिए उसकी आलोचना की और कहा कि 'सांप्रदायिक ताकतों' को मतदाताओं ने परास्त कर दिया है, जिनकी आस्था उसी मिट्टी के भगवान में है, जहां मंदिर (अयोध्या में राम मंदिर) का निर्माण हुआ था. चुनाव परिणाम बताते हैं कि लोग निरंकुश शासन का समर्थन नहीं करते हैं.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर इंडिया ब्लॉक की जीत से 'निरंकुशता समाप्त हो गई है'. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों में भय की भावना अब गायब हो गई है और अब लोकतंत्र की नई कोंपलें फूटने लगी हैं. इंडिया ब्लॉक संवैधानिक सिद्धांतों की रक्षा में देश का नेतृत्व करने का कार्य करेगा और '40 में से 40' की महान जीत बहुत मददगार होगी.

डीएमके प्रमुख ने याद दिलाया कि उन्होंने साल 2022 में एक पार्टी कार्यक्रम में '40 में से 40 (नरपथुम नमथे, नादुम नमथे)' का लक्ष्य रखा था. उन्होंने कहा कि पार्टी ने डेढ़ साल से अधिक समय तक बूथवार चुनाव कार्य किया. उन्होंने लोकसभा चुनावों की तैयारी के काम की दैनिक आधार पर निगरानी की और "न तो आराम किया और न ही आपको आराम करने दिया. सत्तारूढ़ पार्टी प्रमुख ने साल 2019 से सहयोगियों के बीच एकता को रेखांकित किया, जब द्रमुक के नेतृत्व में धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन का गठन किया गया था.

भाजपा का नाम लिए बिना स्टालिन ने कहा कि जो लोग 'घृणा और सांप्रदायिकता की राजनीति' करने के बारे में सोचते हैं, वे किसी तरह तमिलनाडु में पैर जमाने की कोशिश करते हैं और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए अफवाहें फैलाते हैं. प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु का आठ बार दौरा किया और अपनी पार्टी के खिलाफ अपमानजनक आरोप लगाए और डीएमके के सहयोगियों को भी निशाना बनाया. उन्होंने अपने आरोप को दोहराते हुए कहा कि एआईएडीएमके भाजपा के साथ 'गुप्त गठबंधन' में है. मेरी अभियान रणनीति केवल वैचारिक स्पष्टता के साथ यह बताने के बारे में थी कि ये दोनों ताकतें तमिलनाडु के लिए किस हद तक खतरनाक हैं. डीएमके ने चुनाव क्षेत्र में जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभाया और नफरत का अभियान नहीं चलाया. प्रधानमंत्री और केंद्र में भाजपा शासन के अन्य लोग, जो तमिल भाषा का जश्न मनाते हैं, वास्तव में तमिल लोगों और तमिलनाडु के साथ विश्वासघात करते हैं और यह बात लोगों को सबूत के साथ बताई गई है.

उन्होंने कहा कि अकेले इंडिया ब्लॉक ही 'फासीवाद' को हरा सकता है और 'लोकतंत्र को पुनः प्राप्त कर सकता है.' हमने लोगों से मुलाकात की और सुनिश्चित किया कि तीन साल पुरानी द्रविड़ सरकार की योजनाएं उन तक पहुंचे. हमने उनकी अपेक्षाओं को समझा, उनके अनुरोधों को सुना और उनकी बात सुनी. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमने पाया कि लोगों ने केवल डीएमके गठबंधन पर भरोसा जताया और उनका भरोसा आज पूरी जीत में बदल गया है. सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों में जीत केवल सहयोगियों के बीच पूर्ण सामंजस्य और समन्वय के कारण ही संभव हो पाई. क्योंकि डीएमके के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने सहयोगियों द्वारा लड़े गए निर्वाचन क्षेत्रों को अपना माना और उनकी जीत के लिए काम किया और सहयोगियों ने भी ऐसी ही भावना का आदान-प्रदान किया.

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