Delhi Metro में हादसों को रोकने की नई तकनीक, एंटी ड्रैग सिस्टम लागू होने को तैयार
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Delhi Metro में हादसों को रोकने की नई तकनीक, 'एंटी ड्रैग सिस्टम' लागू होने को तैयार

Metro Accident Prevention: यह पहल दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई मजबूती देगी और यात्रियों के सफर को और सुरक्षित बनाएगी.


Anti Drag System: दिल्ली मेट्रो में यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए अब एक नया कदम उठाया जा रहा है. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) ने मेट्रो के दरवाज़ों में कपड़े या सामान फंसने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 'एंटी ड्रैग सिस्टम' लगाने की तैयारी शुरू कर दी है. फिलहाल इसका ट्रायल चल रहा है और परीक्षण सफल होने के बाद इसे सभी ट्रेनों में लगाया जाएगा.

दिल्ली मेट्रो में पहले से 15 मिमी मोटाई तक की वस्तुओं को पहचानने वाला सेंसर लगा होता है. लेकिन इससे पतली वस्तुएं जैसे साड़ी या दुपट्टा, अक्सर दरवाज़ों में फंस जाती हैं, जिससे यात्रियों को गंभीर चोटें तक लग जाती हैं। साल 2023 में एक ऐसी ही दर्दनाक घटना सामने आई थी, जब एक महिला की साड़ी मेट्रो के दरवाज़े में फंस गई और वह ट्रेन के साथ घसीटती चली गई, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई थी। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त ने 'एंटी ड्रैग सिस्टम' की सिफारिश की थी.

कैसे करेगा यह सिस्टम काम?

नई तकनीक से लैस यह सिस्टम 0.8 मिमी तक की पतली वस्तुओं को भी पहचान सकेगा. जैसे ही कोई ऐसी वस्तु दरवाज़े में फंसेगी, सिस्टम इमरजेंसी ब्रेक को एक्टिव कर देगा, जिससे दुर्घटना टाली जा सके.

कहां हो रहा है ट्रायल?

इस सिस्टम का परीक्षण फिलहाल रेड लाइन की मेट्रो ट्रेनों में किया जा रहा है. एक ट्रेन के सभी 8 कोचों में यह सिस्टम लगाया जा चुका है. जब तक यह सभी ट्रेनों में नहीं लग जाता, तब तक इंद्रलोक जैसे संवेदनशील स्टेशनों पर अतिरिक्त गार्डों की तैनाती की जा रही है.

कब शुरू हुई थी तैयारी?

DMRC ने जून 2023 में इस सिस्टम के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी, जिसकी अनुमानित लागत 3 करोड़ रुपये है. परीक्षण पूरा होने और परिणाम संतोषजनक मिलने के बाद इसे व्यापक स्तर पर लागू किया जाएगा.

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