हकीकत से परे EPFO का खुद को अपग्रेड करने का दावा, सॉफ्टवेयर की समस्या एक महीने बाद भी बरकरार
अब भी बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो जरुरत के समय EPFO की कार्यप्रणाली या लचर रवैये के चलते अपनी ही जमा पूंजी को निकलवा नहीं पा रहे हैं.
EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( EPFO ) बेशक खुद को अपग्रेड करने का दावा कर रहा हो, लेकिन हकीकत दावों से परे हैं. अब भी बहुत बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो जरुरत के समय EPFO की कार्यप्रणाली या लचर रवैये के चलते अपनी ही जमा पूंजी को निकलवा नहीं पा रहे हैं. इतना ही नहीं EPFO ने अपनी वेबसाइट पर और श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय की वेबसाईट पर अलग अलग टेलीफोन नंबर भी सार्वजानिक किये गए हैं, लेकिन जब जरूरतमंद उन पर फ़ोन करता है तो या तो वो फ़ोन उठता नहीं है या फिर फ़ोन उठाने वाला कोई दूसरा नंबर पकड़ा देता है, जिस पर सिर्फ घंटी पर घंटी जाती हैं.
दिल्ली और मुंबई के ऑफिसों का भी ऐसा ही हाल
दिल्ली में रहने वाले एक EPFO अकाउंट होल्डर ने बताया कि उनकी पुराणी कंपनी का उनका प्रोविडेंट फण्ड अटका हुआ है. उन्हें पैसे ही सख्त जरुरत भी है. उन्होंने प्रयास किया तो पता चला कि वो मुंबई के EPFO ऑफिस का काम है. खैर सरकार और विभाग का दावा ये है कि सब काम ऑनलाइन है. तो उन्होंने भी अपनी रकम वापस पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया लेकिन कुछ नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने दिल्ली में श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर कॉल किया तो एक नम्बर किसी ने उठाया नहीं. दूसरा नंबर उठाया गया लेकिन फ़ोन सुनने वालों ने एक अलग नंबर दिया और कहा कि आपको इस नम्बर पर कॉल करके मुंबई ऑफिस क नंबर मिल जायेगा. जब उस नम्बर पर कॉल किया गया तो वहां कॉल रिसीव ही नहीं की गयी. सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि और भी दिन फोन रिसीव नहीं हुए. इस दौरान मुंबई के EPFO के वरिष्ठ अधिकारीयों को ईमेल के माध्यम से अपनी समस्या भी बताई लेकिन उससे भी कोई समाधान नहीं निकला है.
पिछले एक महीने से खराब है मुंबई रीजन के कार्यालय में सॉफ्टवेयर की समस्या
सूत्रों का कहना है कि पिछले एक महीने से EPFO ऑफिस में सॉफ्टवेर सही तरह से काम नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से क्लेम प्रक्रिया खासतौर से ट्रान्सफर क्लेम फॉर्म 13 में बहुत ज्यादा समस्या बनी हुई है. विभाग की तरफ से यही आश्वासन दिया जा रहा है कि सॉफ्टवेयर की समस्या जल्द ही सही होने की उम्मीद है.