
गॉडमैन केस में चौंकाने वाला मोड़, महिला फैकल्टी पर भी साजिश का शक
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर 17 छात्राओं से यौन शोषण का आरोप है। FIR दर्ज है और उसे पद से हटा दिया गया है। पुलिस की छापेमारी में नकली कार बरामद हुई है।
मस्तक पर त्रिपुंड, गले में कंठी, शरीर पर भगवा वस्त्र लेकिन काम इसके ठीक उलट। यह पहचान स्वामी डॉ चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी (ओडिशा का रहने वाला) की है जो कानून से मारा मारा फिर रहा है। कर्नाटक के श्रृंगेरी पीठ द्वारा संचालित दिल्ली के वसंतकुंज में मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के निदेशक थे। लेकिन इस समय फरारी का टैग लेकर कानून से बच रहे हैं। आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग की 17 लड़कियों में इन पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। अपनी तहरीर में लिखा है कि चैतन्यानंद कहा करता था कि एक बार उसके कमरे में आ जाओ मुफ्त में विदेश की यात्रा कराएगा।
इस मामले में जांच अब जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, खुलासे भी हो रहे हैं। आरोप लगने के बाद सरस्वती को उसके पद से हटा दिया गया है। फिलहाल वह फरार है और उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है। पुलिस उसकी तलाश में दिल्ली, बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में छापेमारी कर रही है।
4 अगस्त को संस्थान के मठ प्रशासक पी. ए. मुरली ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप था कि सरस्वती ने संस्थान में PGDM कोर्स के तहत EWS छात्रवृत्ति पर पढ़ रही छात्राओं को निशाना बनाया।पुलिस ने अब तक 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए हैं। इनमें कई ने बताया कि उन्हें आरोपी की ओर से अश्लील व्हाट्सऐप मैसेज और संदेश भेजे गए।आरोपी ने जबरन शारीरिक संपर्क बनाने की कोशिश की। कुछ महिला फैकल्टी और प्रशासक आरोपी का साथ दे रहे थे और छात्राओं पर दबाव डाल रहे थे।इन आरोपों के आधार पर वसंत कुंज (नॉर्थ) थाने में मामला दर्ज किया गया है। इसमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 75(2) (यौन उत्पीड़न), धारा 79 (महिला की गरिमा का अपमान) और धारा 351(2) (आपराधिक धमकी) लगाई गई हैं।
फरारी और पुलिस की जांच
एफआईआर दर्ज होने के समय सरस्वती लंदन में था। बाद में वह भारत लौटा, लेकिन पुलिस की छापेमारी के बावजूद उसे अब तक पकड़ा नहीं जा सका।पुलिस ने कैंपस के सीसीटीवी फुटेज खंगाले।संस्थान के वीडियो रिकॉर्डर की हार्ड डिस्क जब्त कर एफएसएल को भेजी गई हैं, क्योंकि छेड़छाड़ की आशंका जताई जा रही है।
नकली डिप्लोमैटिक कार बरामद
जांच के दौरान संस्थान के बेसमेंट से एक वॉल्वो कार मिली, जिस पर नकली डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट (39 UN 1) लगी थी। दावा है कि आरोपी इस कार का इस्तेमाल करता था।इस पर नया मामला दर्ज किया गया है, जिसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 345(3) (संपत्ति चिन्ह), 318(4) (धोखाधड़ी), 336(3) (जालसाजी) और 340(2) (जाली दस्तावेज़ का इस्तेमाल) शामिल हैं।
संस्थान का बयान
संस्थान ने आधिकारिक बयान में कहा:
“स्वामी चैतन्यनंद सरस्वती ने अवैध, अनुचित और संस्था के हितों के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होकर श्री श्री जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठम, शृंगेरी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया है। पीठम ने उससे सभी संबंध समाप्त कर दिए हैं।”