
गुस्सा, गम और बंद: आतंक के खिलाफ कश्मीर में उठ रहीं आम आवाजें
Ghulam Nabi Azad ने कहा कि अब हालात बदल गए हैं. मस्जिदों से अब इमाम आतंकियों की निंदा कर रहे हैं.
terrorist attack in Pahalgam: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 पर्यटकों की जान चली गई. इससे पूरे देश में गुस्सा और उबाल है. ये पर्यटक यूपी, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे कई राज्यों से आए थे. आतंकियों ने इन लोगों से धर्म पूछा और जो लोग इस्लाम धर्म से नहीं थे या 'कलमा' नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी. ये काफी समय बाद कश्मीर में पर्यटकों पर हुआ बड़ा हमला है. इससे कश्मीर के पर्यटन उद्योग (टूरिज्म इंडस्ट्री) को बड़ा नुकसान हो सकता है.
पिछले कुछ सालों में सरकार ने कश्मीर में शांति और भरोसा कायम करने की कोशिश की थी. लेकिन इस हमले से आतंकियों ने उस भरोसे को कमजोर करने की कोशिश की है.
गुलाम नबी आजाद की प्रतिक्रिया
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने इस हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि अब कश्मीर पहले जैसा नहीं रहा. अब यहां के लोग आतंकियों से डरते नहीं हैं, बल्कि खुलकर उनका विरोध करते हैं. पहले लोग आतंकियों के खिलाफ बोलने से डरते थे. लेकिन आज पूरे कश्मीर में लोग सदमे में हैं, दुखी हैं और आतंकियों की खुलकर मज़म्मत कर रहे हैं. हर गांव, हर शहर में बंद (हड़ताल) हो रहा है.
आजाद ने यह भी कहा कि पहले कुछ मस्जिदों में आतंकियों के समर्थन में बातें होती थीं. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. मस्जिदों से अब इमाम आतंकियों की निंदा कर रहे हैं.
सरकार की कोशिशों पर असर
गुलाम नबी आजाद ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के समय में आतंकी घटनाओं में कमी आई है और कश्मीर में हालात पहले से बेहतर हुए हैं. लेकिन यह हमला देश और जम्मू-कश्मीर के बीच बने भरोसे को तोड़ने की कोशिश है.