आसमानी आफत से गुजरात हलकान, इतनी बारिश का बे ऑफ बंगाल से क्या है रिश्ता
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आसमानी आफत से गुजरात हलकान, इतनी बारिश का बे ऑफ बंगाल से क्या है रिश्ता

समंदर किनारे वाले राज्यों में सामान्य तौर पर बारिश अधिक होती है। लेकिन गुजरात में बारिश असामान्य हो रही है और इसके लिए बंगाल की खाड़ी को जिम्मेदार बताया जा रहा है।


Gujarat Rain Reason: गुजरात इस समय आसमानी आफत का सामना कर रहा है। भारी बारिश की वजह से अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। मौसम विभाग के मुताबिक 29 और 30 अगस्त तक खतरा टला नहीं है। यानी कि इन दो दिनों में और घनघोर बारिश होने की संभावना है। इसका मतलब ये हुआ कि नुकसान के बढ़ने और आशंका है। पीएम मोदी ने गुजरात के सीएम से बात की। लेकिन सवाल यह है कि गुजरात में इतनी बारिश क्यों हो रही है। बंगाल की खाड़ी में उठे बवंडर से गुजरात कैसे प्रभावित हो रहा है क्योंकि गुजरात का बंगाल की खाड़ी से कोई वास्ता नहीं है। यहां पर इसी राज को समझने की कोशिश करेंगे।

पहले ये तस्वीर देखिए


मौसमी चक्र में बदलाव का असर
सवाल यह है कि मानसूनी बारिश की वजह से पहले यूपी और बिहार के इलाकों में तबाही मचती थी। क्या उससे मिजाज में बदलाव आ गया है। राजस्थान के रेगिस्तानी हिस्से में बारिश, गुजरात के आंतरिक हिस्सों में बारिश के बाद मौसम वैज्ञानिकों का भी दिमाग चकरा गया है। इसके लिए पहली नजर में मौसमी बदलाव को बताया जा रहा है। अब गुजरात और राजस्थान में हो रही है बारिश के लिए बंगाल की खाड़ी क्यों जिम्मेदार है। दरअसल बंगाल की खाड़ी में की लो प्रेशर डेवलप हुए हैं और वे पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ रहे हैं। अभी तक जो मौसमी पैटर्न है उसके मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बना दबाव उत्तर पश्चिम दिशा की तरफ बढ़ता था और बिहार, यूपी, हरियाणा के इलाकों को अपनी जद में लेता था। लेकिन अब इसमें बदलाव हुआ है। उत्तर पश्चिम की जगह पश्चिम दिशा में निम्न दबाव के बढ़ने की वजह से मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में बारिश हो रही है।

18 हजार लोगों पर असर
तीन दिनों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 26 लोगों की जान चली गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 18,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है और लगभग 1,200 लोगों को बचाया गया है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने अपने नवीनतम अपडेट में कहा कि कुछ मामलों में, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा हेलिकॉप्टरों का उपयोग किया गया।हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण सबसे अधिक प्रभावित शहर वडोदरा ने राहत की सांस ली, क्योंकि विश्वामित्री नदी का जल स्तर सुबह 37 फीट से घटकर 32 फीट हो गया। हालांकि, कई निचले इलाके अभी भी जलमग्न हैं।

नदियों का जलस्तर लाल निशान के पार
भारी बारिश और अजवा बांध से पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार सुबह नदी का जलस्तर 25 फीट के खतरे के निशान को पार कर गया था। एक्स पर एक पोस्ट में, सीएम पटेल ने कहा, "गुजरात में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लगातार दूसरे दिन मुझे फोन किया और स्थिति के बारे में जानकारी ली।" मुख्यमंत्री ने कहा, "उन्होंने विश्वामित्री नदी में आई बाढ़ पर चिंता जताई और जानना चाहा कि वडोदरा के लोगों के लिए क्या राहत और बचाव उपाय किए जा रहे हैं।

सुबह 6 बजे तक 24 घंटों में देवभूमि द्वारका जिले के भानवड़ में 295 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि कच्छ के अब्दासा में 276 मिमी और देवभूमि द्वारका के कल्याणपुर में 263 मिमी बारिश हुई।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि के दौरान गुजरात के 20 तालुकाओं में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई।कच्छ के मांडवी तालुका में सुबह 10 बजे तक चार घंटों में 101 मिमी बारिश दर्ज की गई।भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार को सौराष्ट्र और कच्छ के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।

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