हरियाणा का दंगल हुआ दिलचस्प, किरण चौधरी से बीजेपी को कितना होगा फायदा
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हरियाणा का दंगल हुआ दिलचस्प, किरण चौधरी से बीजेपी को कितना होगा फायदा

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस विधायक रहीं किरण चौधरी ने इस्तीफा दे दिया। ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है।


हरियाणा की विधायक किरण चौधरी ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है और उम्मीद है कि वे आगामी राज्यसभा उपचुनाव में भाजपा की उम्मीदवार होंगी। करीब दो महीने पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। चौधरी ने मंगलवार को फोन पर पीटीआई से कहा, "मैंने विधानसभा सदस्य (विधायक) के तौर पर अपना इस्तीफा दे दिया है।" इस्तीफा स्वीकार किया गया आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हरियाणा की पूर्व मंत्री और तोशाम से विधायक चौधरी (69) जून में अपनी बेटी श्रुति और उनके समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुई थीं। नौ राज्यों में खाली पड़ी 12 राज्यसभा सीटों के लिए 3 सितंबर को चुनाव होंगे। हरियाणा की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा के रोहतक से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद जरूरी हो गया था। भाजपा चौधरी को मैदान में उतार सकती है इस सीट के लिए नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन बुधवार है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा हरियाणा की राज्यसभा सीट से चौधरी को मैदान में उतार सकती है।

विधानसभा में भाजपा के संख्याबल को देखते हुए, यह सीट जीतना तय है।नामांकन पत्रों की जांच 22 अगस्त को होगी, जबकि उम्मीदवार 27 अगस्त तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।यदि आवश्यक हुआ तो 3 सितंबर को हरियाणा विधानसभा सचिवालय में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा।
सदन में सदस्यों की संख्या
चौधरी के इस्तीफे के बाद, 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 41 सदस्य हैं, कांग्रेस के 28 और जेजेपी के 10 सदस्य हैं। विधानसभा में पांच निर्दलीय हैं, इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के एक-एक सदस्य हैं और चार सीटें खाली हैं।भाजपा को निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत और एचएलपी विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है।
कांग्रेस को तीन निर्दलीयों का समर्थन प्राप्त है।
अनुरोध खारिज
चौधरी के भाजपा में शामिल होने के बाद, कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से उन्हें सदन से अयोग्य ठहराने की मांग की थी, लेकिन "तकनीकी आधार" पर उनके अनुरोध को खारिज कर दिया गया था।कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार नहीं उतारेगी, क्योंकि उसके पास संख्या नहीं है।हाल ही में जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने हुड्डा से कहा था कि कांग्रेस को राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार घोषित करना चाहिए, जिसके बाद विपक्ष के नेता ने कहा था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री को पहले यह देखना चाहिए कि उनके साथ कितने विधायक हैं।जेजेपी विधायक राम निवास सुरजाखेड़ा और जोगी राम सिहाग ने लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन किया था।
चौटाला ने कहा था कि अगर हुड्डा भाजपा के साथ मिलीभगत नहीं कर रहे हैं, तो उनकी पार्टी को राज्सभा उपचुनाव में उम्मीदवार उतारना चाहिए।जेजेपी नेता ने कहा था, "हमने पहले ही भाजपा के खिलाफ वोट करने का वादा किया है।"
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