हरियाणा में मुख्यमंत्री के नाम पर क्या एक मत है बीजेपी के विधायक ?
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हरियाणा में मुख्यमंत्री के नाम पर क्या एक मत है बीजेपी के विधायक ?

हरियाणा में बीजेपी के विधायक दल की बैठक 16 अक्टूबर को होनी है, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम का चयन किया जाएगा. इस बैठक एक लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पर्यवेक्षक बनाया गया है.


Haryana BJP CM : हरियाणा में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिला है, जिससे एक चीज स्पष्ट है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने में किसी प्रकार की कोई अड़चन नहीं है लेकिन सवाल ये है की क्या मुख्यमंत्री के नाम को लेकर बीजेपी में सब कुछ ठीक है. अब सवाल ये उठता है कि अगर सब कुछ ठीक है तो फिर केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को हरियाणा का पर्यवेक्षक क्यों बनाया गया है? जबकि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अब तक कई राज्यों में बीजेपी की सरकार बन चुकी है बमुश्किल ही देखा गया है कि अमित शाह को पर्यवेक्षक बनाया गया हो.


सीएम पद को लेकर दिख रहा है विवाद
वैसे तो बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया था और नायब सैनी के नाम पर ये चुनाव लड़ा गया था, लेकिन इसके बावजूद हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने चुनाव के शुरुआत से लेकर और अब तक कई बार ये बात कही कि वो भी मुख्यमंत्री की रेस में हैं. अगर पार्टी उन्हें मौका दें तो वो भी मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी निभा सकते हैं.
इसके अलावा जब मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी के नाम पर विधायक दल की बैठक की गयी थी तो उस समय भी विज ने आपत्ति दर्ज करायी थी, इतना ही नहीं वो बैठक छोड़ कर ही चले गए थे. उनका तर्क है कि वो वरिष्ठ विधायक हैं, 7 बार विधायक चुने गए हैं.

राव इन्द्रजीत भी ठोक चुके हैं दावेदारी
अदावत की इस सूची में दूसरा नाम आता है केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत का. उनका कहना है कि हरियाणा में बीजेपी की स्पष्ट जीत में हरियाणा की अहीर बेल्ट की अहम भूमिका रही है. प्रदेश में 10 सीटें ऐसी हैं, जहाँ यादवों का वर्चस्व है. ये सीट अहीर बेल्ट में आती हैं. इस चुनाव में बीजेपी को 10 में से 8 सीटें मिली हैं. इसी वजह से राव इन्द्रजीत ये कह रहे हैं कि बीजेपी की जीत में इस बेल्ट का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. राव इन्द्रजीत प्रदेश में अहीर बेल्ट के बहुत बड़े नेता हैं, यही वजह है कि वो भी मुख्यमंत्री की रेस में खुद को शामिल कर रहे हैं. हालाँकि उन्होंने ये कहा कि वो खुद नहीं बल्कि जनता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है.

अमित शाह की क्या रहेगी भूमिका
अमित शाह को इसी वजह से पर्यवेक्षक चुना गया है ताकि वो विधायक दल की बैठक में सफलता पूर्वक मुख्यमंत्री के नाम पर सभी को एक जुट कर सकें. इसकी अहम वजह ये भी है कि अमित शाह के सामने बहुत कम ऐसा होता है कि कोई अनुशासन को ख़राब करें. इसके अलावा वो किसी न किसी तरह से विधायक दल को केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से सुझाए गए नाम पर सहमत करवाने की क्षमता रखते हैं.
बता दें कि हरियाणा के विधायक दल की बैठक में अमित शह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है.


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