हाथरस भगदड़ को रोक सकते थे 'बाबा, चश्मदीदों ने दी सनसनीखेज जानकारी
हाथरस भगदड़ की जांच न्यायिक आयोग कर रहा है. न्यायिक आयोग के सामने दर्ज कराए बयान में चश्मदीदों ने सनसनीखेज जानकारी निकाली है.
Hathras Stampede News: हाथरस भगदड़ मामले में कुल 121 लोगों की मौत हो गई. इस केस में मुख्य सेवादार समेत आठ लोग पुलिस की गिरफ्त में हैं। लेकिन नारायण साकार हरि अभी लोगों के सामने प्रगट नहीं हुए हैं। इस मामले की जांच न्यायिक आयोग से कराई जा रही है। इस जांच आयोग के सामने प्रत्यक्षदर्शियों ने जो बयान दर्ज कराए हैं वो सनसनीखेज हैं। चश्मदीदों का कहना है कि बाबा ने खुद लोगों से इकट्ठा होने के लिए बोला ताकि लोगों को उसका चरण धूल मिल सके. उसकी अपील पर लोग एकत्रित हुए और हादसा हो गया।
अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने सेवादारों पर भोले बाबा के काफिले के लिए रास्ता साफ करने के लिए अनुयायियों के साथ मारपीट करने और उन्हें एक तरफ धकेलने" का आरोप लगाया। एक अन्य गवाह बृज बिहारी कौशिक ने मौतों के लिए पर्याप्त पुलिस बल के ना होने को जिम्मेदार बताया। लेकिन आयोजकों के निजी सुरक्षाकर्मियों द्वारा स्थिति को संभालने के तरीके की भी उतनी ही आलोचना की। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में आयोग ने बयान एकत्र करके और गवाहों से पूछताछ करके घटना की जांच की। उन्होंने भगदड़ की ओर ले जाने वाली घटनाओं, घटनास्थल की स्थिति और घायलों और मृतकों के लिए अस्पताल में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं की जांच की। उन्होंने घटना के प्रबंधन में प्रशासन और पुलिस की भूमिका की भी जांच की तथा जिम्मेदार लोगों की पहचान करने का प्रयास किया।
जांच आयोग में तीन सदस्य
जांच आयोग में रिटॉयर्ड आईएएस अधिकारी हेमंत राव और भावेश कुमार भी शामिल हैं। इन्होंने गवाहों की पहचान और संबद्धता की पुष्टि की। जांच में घटनास्थल पर माहौल, घटनाओं का क्रम और इस त्रासदी के लिए कौन जिम्मेदार हो सकता है इस पर चर्चा की गई। आयोग के अध्यक्ष बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने घोषणा की कि जल्द ही एक सार्वजनिक नोटिस में निवासियों और गवाहों से साक्ष्य और बयान प्रस्तुत करने का आग्रह किया जाएगा।हम पूरी घटना का आकलन कर रहे हैं। साइट का निरीक्षण पूरा हो गया है। हमने भीड़ की क्षमता की जांच की है और प्रासंगिक जानकारी एकत्र की है। बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जांच के दौरान हम उन सभी को बुलाएंगे जिन्हें रिकॉर्ड पर बयान देने की आवश्यकता होगी। इसमें स्थानीय अधिकारी भी शामिल हैं