हेमा कमिटी : केरल उच्च न्यायालय ने सभी मामलों की सुनवाई के लिए महिला पीठ का गठन
हाईकोर्ट बेंच ने हेमा समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के फैसले को चुनौती देने वाली फिल्म निर्माता साजिमोन परायिल की अपील पर सुनवाई करते हुए यह घोषणा की.
Justice Hema Committee Fallout: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल लाने वाली जस्टिस के हेमा समिति की रिपोर्ट से सम्बंधित सभी मामलों की सुनवाई केरल हाई कोर्ट की महिला जज करेंगी. केरल हाई कोर्ट की इन महिला जजों की एक पीठ का गठन किया गया है, जो समिति की रिपोर्ट से सम्बंधित मामलों की सुनवाई करेंगी. ज्ञात रहे कि इस समिति की रिपोर्ट से मलयालम फिल्म उद्योग में काम करने वाली महिलाओं के साथ होने वाले व्यवस्थित यौन शोषण से पर्दा उठा है.
कार्यवाहक मुख्यन्यायधीश ने किया पीठ का गठन
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए मुहम्मद मुस्ताक और न्यायमूर्ति एस मनु की पीठ ने यह घोषणा की. पीठ ने फिल्म निर्माता साजिमोन परायिल के वकील से कहा कि ऐसे सभी मामलों पर विचार करने के लिए विशेष पीठ का गठन किया जाएगा. परायिल ने हेमा समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के राज्य सूचना आयोग के निर्देश को बरकरार रखने वाले एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर की. जब पीठ ने यह घोषणा की, तब वह इस याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
जनहित याचिका में की गयी अपराधियों को सजा देने की मांग
रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें हेमा समिति की रिपोर्ट के आधार पर मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के खिलाफ कथित यौन अपराध करने वाले अपराधियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की मांग की गई.
इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह संशोधित अनुभागों सहित पूरी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में उसके समक्ष उपलब्ध कराए.
कई महिला कलाकारों ने दर्ज करवाई है शिकायत
जस्टिस हेमा कमिटी रिपोर्ट का असर इसी बात से समझ सकते हैं कि इस रिपोर्ट के आने के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली कई अभिनेत्रियों समेत कुछ अन्य महिला कलाकारों ने खुल कर अपनी बात रखी है और एसआईटी के सामने अपने बयान भी दर्ज कराये हैं, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में कुछ एफआईआर भी दर्ज की है. कई अभिनेता व निर्देशक ऐसे मामलों में आरोपी बने हैं, जिन पर यौन शोषण के आरोप लगाये गए हैं.
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