दो महीने की पगार भत्ता विलंबित करने के बाद बोले सुक्खू कोई वित्तीय संकट नहीं
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दो महीने की पगार भत्ता विलंबित करने के बाद बोले सुक्खू कोई वित्तीय संकट नहीं

सुखविंदर सिंह ने हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में ऐलान किया था कि वो उनकी सरकार के मंत्री और संसदीय सचिव दो महीने की पगार और भत्ते विलंबित कर रहे हैं, अब उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि राज्य में कोई वित्तीय संकट नहीं है.


Himachal Pradesh Financial Status: विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान दो महीने की पगार को विलंबित करने का एलान करने के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को कहा कि राज्य में कोई वित्तीय संकट नहीं है, बल्कि राज्य सरकार पहले दिन से ही सुधार कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम अब दिखने लगे हैं.

इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार इस वर्ष 70 वर्ष से अधिक आयु के 27,000 पेंशनभोगियों के बकाए का भुगतान कर रही है तथा सभी सरकारी कर्मचारियों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता प्रदान किया गया है.

2027 तक हिमाचल को बनाना है आत्मनिर्भर

सुक्खू ने कहा, "प्रदेश सरकार किसानों, मजदूरों, बागवानों, महिलाओं और छोटे दुकानदारों सहित सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम कर रही है. राज्य सरकार का लक्ष्य 2027 तक हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाना है."

राज्य में नहीं है कोई वित्तीय संकट

सुक्खू ने कहा कि राज्य में कोई वित्तीय संकट नहीं है. सरकार पहले दिन से ही सुधार कर रही है और अब इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं.

ज्ञात रहे कि मानसून सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने सदन में ये कहा था कि वो और उनकी सरकार के संसदीय सचिव व मंत्री दो महीने की अपनी पगार और भत्तों को विलंबित कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि केंद्र सरकार की तरफ से प्रदेश को सहयोग नहीं मिल रहा है, जिससे प्रदेश में आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है.

रोरिक की 150वी जयंती के अवसर आयोजित किया गया था कार्यक्रम

शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में "मास्टर्स यूनिवर्स" प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जो प्रख्यात रूसी कलाकार, विचारक और शांतिदूत निकोलस रोरिक की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित की गई थी। यह प्रदर्शनी मॉस्को के इंटरनेशनल सेंटर ऑफ द रोरिक (आईसीआर) द्वारा इंटरनेशनल रोरिक मेमोरियल ट्रस्ट नग्गर, जिला कुल्लू और हिमाचल प्रदेश के भाषा कला एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से आयोजित की गई है। यह प्रदर्शनी 25 सितंबर तक आम लोगों के लिए खुली रहेगी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एक कलाकार, लेखक और विचारक के रूप में निकोलस रोरिक के विविध योगदान की प्रशंसा की.



(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)

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