योगी आदित्यनाथ की राह चलने पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य को आलाकमान की फटकार
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योगी आदित्यनाथ की राह चलने पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य को आलाकमान की फटकार

हिमाचल प्रदेश सरकार ने 24 घंटे के अन्दर यूटर्न लेते हुए स्ट्रीट वेंडरों के लिए नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य करने संबंधी विक्रमादित्य सिंह की घोषणा का खंडन किया. सूत्रों का दावा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने विक्रमादित्य सिंह को फटकार लगते हुए दिल्ली तलब किया है.


Himachal Pradesh U-Turn: हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह द्वारा स्ट्रीट वेंडर्स को अपने नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य करने संबंधी घोषणा पर आलोचनाओं का सामना कर रही हिमाचल प्रदेश सरकार ने 24 घंटे के भीतर ही यू-टर्न लेते हुए कहा है कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है. सूत्रों की माने तो विक्रमादित्य सिंह के इस कदम से दिल्ली में काफी नाराज़गी जतायी गयी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे खुद काफी नाराज़ थे और उन्होंने विक्रमादित्य को फटकार लगते हुए दिल्ली तलब किया है.

ज्ञात रहे कि हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री सिंह ने बुधवार को अपने फेसबुक प्रोफाइल पर ये घोषणा की थी कि अब राज्य में खाने पीने की दुकानों व रेहड़ी वालों को मालिक की आईडी लिखना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही मीडिया को भी बताया था कि रेहड़ी-पटरी वालों, विशेषकर खाद्य पदार्थ बेचने वालों के लिए अपनी दुकानों पर पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा. अपने फेसबुक प्रोफाइल पर इस घोषणा के साथ एक न्यूज़ आर्टिकल भी डाला था, जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उठाये गए इस कदम का उल्लेख था. यही वजह भी रही कि जब मीडिया में ये खबर चली तो सबने येही लिखा कि हिमाचल सरकार ने ये निर्णय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णय की तर्ज पर लिया है.




विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा था यूपी की तर्ज पर लिया निर्णय

विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया के सामने कहा था, "हमने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अपनाए गए पैटर्न पर स्ट्रीट वेंडर्स के लिए स्ट्रीट वेंडर्स समिति द्वारा दिए गए अपने पहचान पत्र प्रदर्शित करना अनिवार्य करने का निर्णय लिया है, जिसने इस विचार की शुरुआत की थी."

हिमाचल सरकार ने लिया यू-टर्न
गुरूवार को हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार की ओर से ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिसके तहत स्ट्रीट वेंडरों के लिए अपने स्टॉल पर नामपट्टिका या अन्य पहचान प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया हो.

विक्रमादित्य सिंह ने प्रवासियों की बढती संख्या बताई थी कारण
विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस निर्णय के पीछे कहा था कि राज्य में प्रवासियों की बढ़ती संख्या के बारे में स्थानीय लोगों द्वारा "आशंकाएं" व्यक्त की जा रही है, जिस पर विचार करते हुए ये निर्णय लिया गया.

इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने की थी आलोचना
विक्रमादित्य सिंह द्वारा फेसबुक पर की गयी घोषणा के बाद इंडिया ब्लॉक के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी. इतना ही नहीं कांग्रेस के भी कई नेताओं ने इस पर ऐतराज जताया था.

अपनी बात से पीछे न हटें विक्रमादित्य : भाजपा
भाजपा नेता जय राम ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि सिंह को अपनी बात पर कायम रहना चाहिए. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता ठाकुर ने कहा, "अगर विक्रमादित्य सिंह ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर विक्रेता नीति लागू करने की बात कही है, तो उन्हें अपनी बात पर कायम रहना चाहिए."

स्ट्रीट वेंडरों के लिए किया गया था कमिटी का गठन
एक बयान में ये दावा किया गया है कि पिछले सप्ताह हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने 'स्ट्रीट वेंडर्स' के लिए नीति तैयार करने के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति गठित की थी.
बाहरी श्रमिकों को उनकी पहचान के साथ पंजीकृत करने का निर्णय संजौली में एक मस्जिद के कथित अनधिकृत हिस्से को गिराए जाने के विरोध में कुछ सप्ताह पहले हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद लिया गया. राज्य भर में हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किए गए, जिन्होंने मांग की कि हिमाचल प्रदेश में काम करने के लिए बाहर से आने वाले श्रमिकों का पंजीकरण किया जाए।

इन वजहों का हवाला देते हुए यूपी सरकार ने किया नियम लागू
खाने-पीने की चीजों में थूकने और मूत्र मिलाने की कथित घटनाओं का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को खाद्य स्टॉल संचालकों, मालिकों और प्रबंधकों को आदेश दिया था कि वे अपनी दुकानों पर अपना नाम और पता अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करें. उन्होंने यह भी आदेश दिया कि रसोइये और वेटर मास्क और दस्ताने पहनें तथा होटलों और रेस्तरां में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य कर दिया.


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