तेलंगाना में इनफर्टिलिटी केस में इजाफा, अब भगवान से लगी आस
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तेलंगाना में इनफर्टिलिटी केस में इजाफा, अब भगवान से लगी आस

अगर आप इनफर्टिलिटी का सामना कर रहे हैं तो डॉक्टर के पास जाएंगे. लेकिन हैदराबाद के चिल्कुर बालाजी मंदिर के बाहर प्रसाद के लिए 12 किमी लंबी लाइन लग गई.


Infertility Reason: दुनिया के किसी भी समाज में लोगों को बेटे या बेटी की चाहत होती है. हालांकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो किसी वजह से माता पिता बनने का सुख नहीं हासिल कर पाते.उसके पीछे तरह तरह की वजहें हो सकती हैं. वैसे अगर कोई शादीशुदा जोड़ा मां या पिता नहीं बनता है तो उसके पीछे एक वजह यह भी हो सकती है कि वो कोई बच्चा नहीं चाहते हों. लेकिन अगर कोई शादीशुदा जोड़ा बच्चे की चाहत रखे और वो कामयाब ना हो तो वैवाहिक और पारिवारिक दोनों जिंदगी खराब हो जाती हैं. जो लोग बच्चे पैदा करने में असमर्थ होते हैं समाज आमतौर पर उन्हें नपुंसक करार देता है. इन सबके बीच हम बात तेलंगाना की करेंगे जहां पर इनफर्टिलिटी के बढ़ते मामले के बीच लोग बड़ी संख्या में मंदिरों की शरण में जा रहे हैं.

हमारे सहयोगी द फेडरल इंग्लिश ने तेलंगाना में जमीनी हकीकत को समझने की कोशिश की. हैदराबाद के करीब चिल्कुर बालाजी मंदिर के बाहर 19 अप्रैल को बड़ी संख्या में लोग गरुण प्रसादम के लिए मंदिर के बाहर इकट्ठा हुए. मंदिर के बाहर का नजारा विहंगम था. करीब12 किमी लंबी लाइन में लोग अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. 19 अप्रैल को दोपहर होते होते भीड़ इतनी अधिक हो गई कि ट्रैफिक जाम के हालात बन गए. गरुण प्रसादम को देने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा और तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ट्रैफिक सामान्य हुआ. यहां पर हम दो विषय पर बात करेंगे कि पहला यह कि गरुण प्रसादम क्या होता है और इनफर्टिलिटी क्यों बढ़ रही है.

क्या है गरुण प्रसादम

ब्रह्मोत्सवम या चैत्र मास शुक्ल पक्ष एकादशी के पहले दिन गरुण की तस्वीर वाले झंडे को फहराया जाता है. इसके जरिए देवता को त्योहार में शामिल होने के लिए आह्वान करते हैं, झंडा फहराने के वक्त पवित्र खाना (खीर ) यानी नैवेद्यम गरुण देवता को समर्पित की जाती है. गरुण देवता को खीर समर्पित किए जाने के बाद ऐसी महिलाओं को प्रसाद दिया जाता है जिन्हें कोई औलाद नहीं हैं. ऐसी धारणा है कि प्रसाद के ग्रहण करने के बाद महिलाएं प्रेग्नेंट हो जाएंगी. खास बात यह है कि पूरे तेलंगाना में इसका क्रेज बढ़ रहा है.मंदिर के पुजारी रंगराजन बताते हैं कि इस साल श्रद्धालुओं की संख्या में पिछले 50 वर्षों में सबसे अधिक इजाफा हुआ है. क्या यह तेलंगाना में इनफर्टिलिटी की बढ़ती संख्या की तरफ इशारा है, एक्सपर्ट इसका जवाब हां में देते हैं.

ज्यादा इनफर्टिलिटी

2023 में इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ हैदराबाद ने अपने अध्ययन में पाया कि तेलंगाना उन चार राज्यों में से एक है जहां इनफर्टिलिटी रेट सबसे अधिक है. एनएफएचएस राउंड 5 सर्वे के आधार पर यह अध्ययन बताता है कि प्रति 1000 महिलाओं में करीब 25.7 महिला इनफर्टिलिटी का सामना कर रही है, इस सूची में छत्तीसगढ़, कर्नाटक और मिजोरम टॉप पर हैं. हैदराबाद के सिटी हेगड़े फर्टिलिटी सेंटर की एक्सपर्ट डॉ शालिनी सिंह बताती हैं कि तेलंगाना के 15 फीसद कपल में यह समस्या है.

2023 में जेएनयू और इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पापुलेशन साइंल के के शोधकर्ताओं ने बताया कि दक्षिण के राज्यों में इनफर्टिलिटी रेट में इजाफा हो रहा है जिसमें तेलंगाना शामिल हैं.कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल और आंध्र प्रदेश में प्रति 1000 जोड़ों में 20 जोड़े कंसीव नहीं कर पा रहे हैं. इस संबंध में इसी साल 9 फरवरी को जीनोम फाउंडेशन हैदराबाद ने चिंता भी जाहिर की है.हालांकि सवाल यह है कि वजह क्या है.

इनफर्टिलिटी की वजह

जानकार कहते हैं कि करीब एक दशक पहले तक महिलाओं में इस तरह के मामले सामने आते थे. लेकिन अब तो पुरुषों में भी दिक्कत हो रही हैं. इस मामले में एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर बात आप तेलंगाना की करें तो शहरीकरण, वैश्वीकरण की वजह से लाइफस्टाइल में बदलाव आए हैं और उसका असर साफ तौर पर नजर आ रहा है. यही नहीं इनफर्टिलिटी की समस्या अब सिर्प शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि गांवों से भी मामले सामने आ रहे हैं.

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