
पश्चिम बंगाल में BLO की मौत के बाद चुनाव आयोग पर भड़कीं ममता, SIR की प्रक्रिया रोकने की मांग
जलपाईगुड़ी जिले के माल क्षेत्र में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, जो BLO के रूप में काम कर रही थीं, ने आत्महत्या कर दी। बताया जा रहा है कि उन पर SIR से जुड़ा भारी दबाव था। इस घटना के बाद ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा है।
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बीच, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर इस प्रक्रिया के लागू होने और इसके संचालन के तरीकों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। यह कदम जलपाईगुड़ी जिले के माल क्षेत्र में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, जो BLO के रूप में काम कर रही थीं, के आत्महत्या करने की घटना के बाद उठाया गया है। बताया जा रहा है कि उन पर SIR से जुड़ा भारी दबाव था।
“BLO अब क्षमता से परे काम करने को मजबूर” -ममता
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा, “मैंने बार-बार वर्तमान विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और इसे लोगों पर थोपने के तरीके को लेकर गंभीर चिंताएँ उठाई हैं। जिस तरह अधिकारियों और नागरिकों पर यह प्रक्रिया जबरन लागू की जा रही है, वह न सिर्फ अव्यवस्थित और अराजक है, बल्कि खतरनाक भी है। बुनियादी तैयारी, पर्याप्त योजना या स्पष्ट संचार की कमी ने शुरू से ही इस प्रक्रिया को बाधित कर दिया है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद राज्य में कई लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने लिखा, “जिस संशोधन में पहले तीन साल लगते थे, उसे अब तीन महीने में जबरन पूरा किया जा रहा है, जिससे BLO और अधिकारियों को अमानवीय परिस्थितियों में काम करना पड़ रहा है, और आम लोगों में डर और अनिश्चितता का माहौल बन गया है।”
उन्होंने आगे लिखा,“ऐसी परिस्थितियों में, मैं तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने का आग्रह करती हूँ। इस अनियोजित और दबावपूर्ण अभियान को जारी रखना न सिर्फ और अधिक जानें खतरे में डालेगा, बल्कि स्वयं मतदाता सूची संशोधन की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करेगा।”
सुवेंदु अधिकारी का पलटवार: “नकली मतदाताओं की रक्षा की कोशिश”
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी के कदम को “हतोत्साहित और हताश प्रयास” बताते हुए कहा कि वह मतदाता सूची शुद्धिकरण अभियान को विफल करने की कोशिश कर रही हैं।
एक एक्स पोस्ट में सुवेंदु ने CEC को लिखा अपना पत्र साझा किया और कहा कि यह ममता की “राजनीतिक मंशा से प्रेरित और तथ्यहीन” दावों का पूरी तरह खंडन करता है। अधिकारी ने आरोप लगाया, “मुख्यमंत्री की चिंता न तो असली मतदाताओं को बचाने की है, न ही BLOs की। यह एक घबराहट में उठाया गया कदम है, ताकि उन लाखों—संभवतः एक करोड़ से भी अधिक—नकली मतदाताओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों के नामों को बचाया जा सके, जिन्हें TMC नेताओं ने चुनाव में धांधली के लिए मतदाता सूची में शामिल कराया था।”

