जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार वाला कमरा खुला, लेकिन क्या है चाबियों का रहस्य?
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जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार वाला कमरा खुला, लेकिन क्या है चाबियों का रहस्य?

46 साल बाद पुरी स्थित रत्न भंडार को खोला गया. लेकिन आंतरिक चैंबर को खोलने के लिए जिन डुप्लीकेट चाबियों का इस्तेमाल हुआ उससे ताले नहीं खुल सके.


Jagannath Temple Ratana Bhandar: 14 जुलाई को पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार वाले कक्ष को खोला गया. कुछ जानकारी भी सामने आई. लेकिन चाबियों पर रहस्य अब भी कायम है.14 जुलाई को रत्न भंडार वाले कमरे के आंतरिक कक्ष को भी खोलने की कोशिश हुई. लेकिन डुप्लीकेट चाबी जो इस्तेमाल की गई उससे ताला नहीं खुल सका और अब ओडिशा सरकार इस मामले की जांच कराएगी. जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा कि एक विशेष समिति के सदस्यों ने खजाने के भीतरी कक्ष के दरवाजों पर लगे तीन ताले खोलने की कोशिश की, लेकिन पुरी जिला प्रशासन के पास मौजूद दो 'डुप्लीकेट' चाबियों से उनमें से एक भी नहीं खोला जा सका।

'झूठ फैलाया गया'

कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा, "पिछली बीजद सरकार के दौरान रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाबियों की उपलब्धता को लेकर झूठ फैलाया गया था। इस मामले की निश्चित रूप से जांच की जाएगी।" जगन्नाथ मंदिर राज्य सरकार के कानून विभाग के अधीन है।4 अप्रैल, 2018 को सरकार ने भौतिक जांच के लिए रत्न भंडार को फिर से खोलने का प्रयास किया, लेकिन चाबियों की अनुपलब्धता के कारण प्रयास असफल रहा। कुछ दिनों बाद सरकार ने कहा कि डुप्लीकेट चाबियां मिल गई हैं।मंत्री ने कहा कि अगर किसी ने कभी भगवान जगन्नाथ के आभूषणों को छुआ है, तो उसे निश्चित रूप से परिणाम भुगतने होंगेहरिचंदन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि ऐसी घटना नहीं हुई होगी। सूची तैयार होने के बाद ही हम इस बारे में स्पष्ट तस्वीर देख पाएंगे।"

बड़ा राजनीतिक मुद्दा

हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान रत्न भंडार को फिर से खोलना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा था। भाजपा ने बीजद को सत्ता से बेदखल कर सत्ता हासिल की, जो 2000 से राज्य में शासन कर रही थी।वरिष्ठ बीजद नेता अमर प्रसाद सतपथी ने 12वीं सदी के मंदिर के खजाने की चाबियों के गायब होने के मामले की जांच के लिए गठित न्यायमूर्ति रघुबीर दास आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की।बीजद नेता ने कहा कि मामले की आगे जांच किए बिना सरकार को आयोग की रिपोर्ट और उस पर की गई कार्रवाई को पेश करना चाहिए।

रत्न भंडार की चाबियां गायब होने की परिस्थितियों की जांच के लिए जून 2018 में आयोग का गठन किया गया था। पैनल ने उसी साल नवंबर में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया।

कांग्रेस, बीजद चाहती है स्पष्ट तस्वीर

विपक्षी कांग्रेस और बीजद ने भाजपा सरकार से रत्न भंडार की चाबियों के बारे में जनता के सामने स्पष्ट तस्वीर पेश करने का आग्रह किया है।ओडिशा कांग्रेस के प्रवक्ता विश्वरंजन मोहंती ने कहा, "ताले क्यों तोड़े गए? रत्न भंडार की असली चाबियां कहां हैं? लोग बेसब्री से असली चाबियों के बारे में जानने का इंतजार कर रहे हैं। इसलिए सरकार को जनता के सामने स्पष्ट तस्वीर पेश करनी चाहिए।"पधे ने कहा कि रविवार को डुप्लीकेट चाबियों का इस्तेमाल करके तीन ताले नहीं खोले जा सके, इसलिए विशेष समिति के सदस्यों ने मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीनों ताले तोड़कर भीतरी कक्ष में प्रवेश किया।मंदिर के तहखाने में स्थित रत्न भंडार के दो हिस्से हैं। रत्न भंडार के बाहरी कक्ष में देवताओं द्वारा रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले आभूषण रखे जाते हैं, जबकि खजाने के भीतरी कक्ष में कई आभूषण रखे जाते हैं।

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