सरकार में कांग्रेस का हाथ उमर के साथ नहीं, कुछ ऐसी है मंत्रिमंडल की तस्वीर
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सरकार में कांग्रेस का 'हाथ' उमर के साथ नहीं, कुछ ऐसी है मंत्रिमंडल की तस्वीर

जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है.


Omar Abdullah government: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बुधवार (16 अक्टूबर) को श्रीनगर में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है. उनके साथ जम्मू के पीर पंजाल क्षेत्र के नौशेरा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के जम्मू-कश्मीर प्रमुख रविंदर रैना को हराने वाले सुरिंदर चौधरी ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह से कुछ देर पहले ही कांग्रेस ने राज्य सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया. लेकिन इस सबसे पुरानी पार्टी ने सरकार को बाहर से समर्थन देने का फैसला किया है. उमर अबदुल्ला के मुख्यमंत्री बनन को राज्य के फिजाओं में बयार की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है. क्योंकि सरकार को नये हालात से निपटने के लिए काफी कुछ सहना और करना पड़ेगा. उमर अब्दुल्ला को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र सरकार के साथ तालमेल बिठाकर काम करना पड़ेगा. हालांकि, अनुच्छेद 370 को बहाल करने का वादा तो पूरा नहीं हो पाएगा. लेकिन पूर्ण राज्य का दर्जा के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना होगा.

वहीं, उमर अब्दुल्ला के साथ शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के डीएच पोरा से विधायक सकीना इटू, जम्मू संभाग के पीर पंजाल के पुंछ जिले में एसटी-आरक्षित मेंढर सीट से विधायक जावेद अहमद राणा, उत्तर कश्मीर के बारामूला जिले के रफियाबाद से विधायक जाविद अहमद डार और जम्मू जिले के छंब से निर्दलीय विधायक सतीश शर्मा शामिल हैं. शर्मा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री और दलित नेता तारा चंद को छंब से टिकट देने के कांग्रेस के फैसले के खिलाफ बगावत कर दी थी और निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था. तारा चंद छंब सीट पर तीसरे स्थान पर रहे थे. वहीं, कांग्रेस फिलहाल सरकार में शामिल नहीं होगी.

शपथ ग्रहण समारोह

शपथ ग्रहण समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया. उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रिपरिषद को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शपथ दिलाई. अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद यह जम्मू और कश्मीर की पहली निर्वाचित सरकार है. क्षेत्रवार बात करें तो उमर मध्य कश्मीर से हैं. जबकि, चौधरी जम्मू से हैं. वहीं, जम्मू संभाग के पीर पंजाल और मैदानी इलाकों से एक-एक मंत्री हैं और उत्तर और दक्षिण कश्मीर से एक-एक मंत्री हैं. इनमें चार मुस्लिम हैं, जिनमें एक आदिवासी है और दो हिंदू हैं.

पूर्व सांसद उमर अब्दुल्ला 2009 से 2015 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. इससे पहले, उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में 2001-2002 तक केंद्रीय विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था. उमर के पिता फारूक अब्दुल्ला तीन बार जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे. जबकि उमर के दादा शेख मोहम्मद अब्दुल्ला भारत में विलय के बाद जम्मू-कश्मीर के पहले प्रधानमंत्री थे और बाद में मुख्यमंत्री भी रहे. जम्मू और कश्मीर 2018 से राष्ट्रपति शासन के अधीन है, जब भाजपा ने महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. इसके बाद 13 अक्टूबर को राष्ट्रपति शासन हटा लिया गया, जिससे निर्वाचित सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया. हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने 48 सीटें जीतीं, जिसमें एनसी ने 42 और कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं.

हमें बहुत कुछ करना है: उमर

शपथ ग्रहण समारोह से पहले उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में अपने दादा शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की कब्र पर दुआ मांगी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत कुछ करना है. उन्होंने कहा कि हमें बहुत कुछ करना है. हमें लोगों को यह उम्मीद देनी है कि यह उनकी सरकार है और उनकी बात सुनी जाएगी. पिछले 5-6 सालों से उनकी बात नहीं सुनी जा रही थी. उनकी बात सुनना और उस पर अमल करना हमारी जिम्मेदारी होगी. मेरे पास कुछ अजीबोगरीब विशिष्टताएं हैं. मैं छह साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था. अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बनूंगा. आखिरी विशिष्टता, यानी छह साल तक सेवा करने की, मैं इससे काफी खुश हूं. केंद्र शासित प्रदेश का सीएम होना बिल्कुल अलग बात है. इसकी अपनी चुनौतियां हैं. मुझे उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है. हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करके शुरुआत करना होगा.

इंडिया ब्लॉक के नेता हुए शामिल

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनके मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया ब्लॉक के कई नेता मौजूद रहे. इनमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की केंद्रीय समिति के अंतरिम नेता प्रकाश करात, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) की उप महासचिव कनिमोझी और सीपीआई के महासचिव डी राजा शामिल रहे.

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