security forces cheking in kashmir valley
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पहलगाम के आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है

पहलगाम हमले से कुछ दिन पहले श्रीनगर में था संभावित हमले का अलर्ट

श्रीनगर और उसके आस-पास, खासकर लोकप्रिय पर्यटक स्थलों और उन होटलों के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां पर्यटक अक्सर ठहरते हैं।


आतंकियों द्वारा पहलगाम में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या से कुछ दिन पहले ही खुफिया एजेंसियों ने श्रीनगर के पास पर्यटकों पर संभावित हमले की चेतावनी जारी की थी। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इन इनपुट्स के आधार पर सुरक्षा बलों ने डाचीगाम और निशात जैसे क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी थी, और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्रीनगर में तैनात किए गए थे।

ध्यान इस ओर और अधिक गया जब पिछले साल अक्टूबर में सोनमर्ग के गंगनगीर में एक आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हुई थी। करीब दो सप्ताह तक चलाए गए तलाशी अभियान के बावजूद कोई ठोस सफलता नहीं ,मिली, और यही ऑपरेशन उसी दिन समाप्त कर दिया गया जिस दिन पहलगाम में हमला हुआ।

अधिकारियों का मानना है कि आतंकियों का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस यात्रा को विफल करना था, जिसमें वे कटरा से श्रीनगर तक की पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले थे, यह कार्यक्रम कश्मीर को भारत के बाकी हिस्सों से जोड़ने का प्रतीक माना जा रहा था। हालांकि मौसम खराब होने के कारण यह यात्रा 19 अप्रैल को स्थगित कर दी गई थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की शह में इस प्रतीकात्मक मौके को हिंसा से दबाने की कोशिश की जा सकती थी।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दो स्थानीय आतंकी पर्यटकों के बीच पहलगाम में घुलमिल गए थे। गोलीबारी शुरू होने के बाद उन्होंने समूह को एक फूड कोर्ट की ओर मोड़ा, जहां दो पाकिस्तानी आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की। अधिकारी इस हमले को डर फैलाने और भारत के अन्य हिस्सों में कश्मीरियों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक हिंसा भड़काने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं।

हालांकि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की त्वरित पहल और नई दिल्ली के साथ समन्वय से इस तरह की प्रतिक्रियाओं को समय रहते रोका गया। राज्यों को निर्देश दिया गया कि वे कश्मीरी निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

सुरक्षा अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर में उग्रवाद के स्वरूप में बदलाव की ओर भी इशारा किया है। उन्होंने बताया कि वहां से एम-सीरीज़ की राइफलें और आर्मर-पीयरसिंग बुलेट्स जैसी उन्नत हथियारों की बरामदगी हुई है, जो संभवतः अफगानिस्तान में छोड़े गए नाटो के हथियारों से प्राप्त किए गए हैं।

उन्होंने पर्यटक संख्या को शांति का मापदंड मानने के प्रति भी चेताया। अधिकारियों ने 2006 की उस घटना का हवाला दिया जब एक पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा पर्यटकों की बढ़ती संख्या को शांति का संकेत बताने के तुरंत बाद श्रीनगर में चार पर्यटकों की हत्या कर दी गई थी। एक अधिकारी ने कहा, “पर्यटन को आर्थिक गतिविधि के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि संघर्षग्रस्त क्षेत्र में सामान्य स्थिति के संकेत के रूप में।”

बेसरन को पर्यटकों के लिए बंद किए जाने की अफवाहों पर अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह क्षेत्र सालभर खुला रहता है, केवल अमरनाथ यात्रा और बर्फबारी के समय को छोड़कर। पिछले साल पर्यटक गतिविधियों के संचालन के लिए ठेका दिया गया था और वहां ज़िपलाइन जैसी नई सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं।

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