सुरेन्द्र चौधरी को डिप्टी बनाने पर बोले उमर जम्मू को अलग-थलग महसूस नहीं होने देंगे
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सुरेन्द्र चौधरी को डिप्टी बनाने पर बोले उमर जम्मू को अलग-थलग महसूस नहीं होने देंगे

जम्मू-कश्मीर के सीएम ने कहा कि नौशेरा से भाजपा के रविंदर रैना को हराने वाले चौधरी जम्मू के लोगों की आवाज बनेंगे


Jammu Kashmir Government : जम्मू कश्मीर में नयी सरकार का गठन हो गया है. सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर उमर अब्दुल्लाह ने शपथ ली है. उनके मंत्रिमंडल में जो उनके डिप्टी बनाये गए हैं, उनके नाम को लेकर काफी चर्चा है. सूबे का उपमुख्यमंत्री सुरेन्द्र चौधरी को बनाया गया है, जिन्हें नौशेरा से जीत मिली है. सुरेन्द्र चौधरी को अपना डिप्टी नियुक्त करने पर उमर अब्दुल्लाह का कहना है कि ऐसा क्षेत्र के लोगों की आवाज बनने तथा उनकी सरकार को समावेशी बनाने के लिए किया गया है.

अब्दुल्ला ने बुधवार (16 अक्टूबर) को शपथ लेने के बाद कहा, "हमारा प्रयास सभी को साथ लेकर चलने का होगा."

चार और मंत्रियों ने ली शपथ
उमर अब्दुल्लाह के मंत्री मंडल में सुरेन्द्र चौधरी के अलावा चार और मंत्रियों ने शपथ ली है. मंत्री के तौर पर शपथ लेने वालों में सकीना मसूद (इत्तू), जावेद डार, जावेद राणा और सतीश शर्मा शामिल हैं.
अब्दुल्ला ने कहा कि आने वाले समय में तीन और लोगों को मंत्री बनाया जाएगा

जम्मू के लोगों को उपेक्षित महसूस नहीं करना चाहिए: उमर
अब्दुल्ला ने कहा कि पीडीपी और भाजपा के पूर्व सदस्य चौधरी - जो नौशेरा से भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना को 7,819 मतों से हराकर एक बड़ी शक्शियत के तौर पर उभरे हैं - को उपमुख्यमंत्री इसलिए चुना गया ताकि जम्मू के लोग सरकार से अलग-थलग महसूस न करें.
अब्दुल्लाह का कहना है कि "मैंने कहा था कि हम जम्मू को यह महसूस नहीं होने देंगे कि इस सरकार में उनकी कोई आवाज या प्रतिनिधि नहीं है. मैंने जम्मू से एक उपमुख्यमंत्री चुना है, ताकि जम्मू के लोगों को लगे कि यह सरकार उतनी ही उनकी है, जितनी बाकी लोगों की है."

कौन है सुरेन्द्र चौधरी?
जम्मू के मरहा में जन्मे चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा गजनसू से की। वे 2014 में चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन रैना (तब पीडीपी में) से नौशेरा सीट पर विधानसभा चुनाव में 10,000 से अधिक मतों के अंतर से हार गए.
चौधरी ने 2022 में पीडीपी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे, उसके बाद पिछले साल जुलाई में वह पार्टी के साथ एक साल से अधिक समय का अपना रिश्ता खत्म कर एनसी में शामिल हो गए थे.
यह 2019 के बाद पहली निर्वाचित सरकार है जब जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया था और राज्य को जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था.
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 90 में से 42 सीटें जीतीं, जबकि गठबंधन सहयोगी कांग्रेस को छह सीटें मिलीं. दोनों चुनाव पूर्व सहयोगी दलों के पास 95 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत है - पांच सदस्यों को उपराज्यपाल द्वारा नामित किया जाना है.


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