झारखंड: हेमंत सोरेन सरकार ने हासिल किया विश्वास मत, विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट
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झारखंड: हेमंत सोरेन सरकार ने हासिल किया विश्वास मत, विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली JMM नीत सरकार ने विपक्षी सदस्यों के विधानसभा से वॉकआउट के बावजूद विश्वास मत हासिल कर लिया.


Hemant Soren Government Wins Vote of Confidence: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नीत सरकार ने सोमवार को विपक्षी सदस्यों के विधानसभा से वॉकआउट के बावजूद विश्वास मत हासिल कर लिया. मनोनीत सदस्य ग्लेन जोसेफ गैल्स्टन सहित कुल 45 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. वोटिंग के लिए मतगणना शुरू होते ही भाजपा और आजसू के विधायक सदन से बाहर चले गए. भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष में भगवा पार्टी के 24 और आजसू पार्टी के तीन विधायक हैं.

विश्वास मत जीतने के बाद सोरेन ने कहा कि आज फिर सबको सत्तारूढ़ गठबंधन की एकता और ताकत देखने को मिली. मैं विधानसभा अध्यक्ष और गठबंधन के सभी विधायकों को धन्यवाद देता हूं. साल 2019 में सत्ता में आने के बाद से ही जेएमएम के नेतृत्व वाला गठबंधन संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए मजबूती से काम कर रहा है और आज फिर इसका नजारा देखने को मिला है.

वहीं, विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे सदन में दोबारा देखकर भाजपा विधायकों का आचरण देखा जा सकता है. भाजपा के पास राज्य के लिए कोई एजेंडा नहीं है. देश की जनता ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में उनके (भाजपा के) चेहरे को आईना दिखाया है. आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा.

विश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रतिपक्ष के नेता अमर बाउरी ने आरोप लगाया कि झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार ने पिछले पांच वर्षों में एक भी वादा पूरा नहीं किया है. इससे पहले भाजपा विधायकों ने अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो से विधायक भानु प्रताप साही को बोलने की अनुमति मांगी, जिसे अध्यक्ष ने अस्वीकार कर दिया.

मतदान के दौरान विधानसभा में 75 विधायक मौजूद थे. निर्दलीय विधायक सरयू राय मतदान में शामिल नहीं हुए. सत्तारूढ़ गठबंधन में झामुमो, कांग्रेस और राजद शामिल हैं. जबकि इसे एकमात्र भाकपा (माले) लिबरेशन विधायक का बाहर से समर्थन प्राप्त है. लोकसभा चुनाव के बाद 81 सदस्यीय सदन में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 27, कांग्रेस के 17 और राष्ट्रीय जनता दल का एक विधायक शामिल है.

झामुमो के दो विधायक नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद हैं. जबकि जामा विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था. झामुमो ने दो और विधायकों बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा और बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रोम को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इसी तरह विधानसभा में भाजपा की ताकत घटकर 24 रह गई है. क्योंकि उसके दो विधायक ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) अब सांसद हैं. भगवा पार्टी ने मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी से निकाल दिया.

81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में वर्तमान में 76 विधायक हैं. सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 3 जुलाई को जब हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था, तब राज्यपाल को 44 विधायकों के समर्थन की सूची सौंपी थी. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने 4 जुलाई को राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उनके पूर्ववर्ती चंपई सोरेन ने एक दिन पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था.

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