MUDA SCAM: कम नहीं हो रहीं सिद्धारमैया की मुश्किलें, इस मामले में अब ED कर सकती है मामला दर्ज
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MUDA SCAM: कम नहीं हो रहीं सिद्धारमैया की मुश्किलें, इस मामले में अब ED कर सकती है मामला दर्ज

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. MUDA घोटाले में उनको लगातार कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


Karnataka CM Siddaramaiah: लगता है कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मैसूरू शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले में उनको लगातार कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले में लोकायुक्त पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद सिद्धारमैया पर इस्तीफा देने का भारी दबाव है. अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उन पर, उनकी पत्नी और दो अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर सकती है.

सूत्रों के हवाले से खबरों में कहा गया है कि प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) आज शाम तक या कल तक दर्ज की जा सकती है. यह कर्नाटक लोकायुक्त द्वारा मामले में दर्ज एफआईआर पर आधारित होगी.

कर्नाटक लोकायुक्त एफआईआर

कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार (28 सितंबर) को कर्नाटक के सीएम और तीन अन्य लोगों, उनकी पत्नी बीएम पार्वती, उनके बहनोई मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू नाम के एक पूर्व जमींदार के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में मामला दर्ज किया था. यह मामला 2021 में उनकी पत्नी को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण के 14 आवास स्थलों के कथित आवंटन के संबंध में है. इसके अलावा, एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले की शिकायतकर्ता आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने भी आगे की कार्रवाई के लिए ईडी से संपर्क किया था.

ईडी कार्यवाही

हालांकि, एजेंसी के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि केंद्रीय एजेंसी के पास पहले से ही एफआईआर का विवरण और संबंधित मामले की जानकारी थी और वह मामले को आगे बढ़ा रही थी. अधिकारी ने बताया कि ये अपराध मनी लॉन्ड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट (पीएमएलए) के अंतर्गत आते हैं और जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जल्द ही मामला दर्ज किया जाएगा.

बता दें कि अगर सिद्धारमैया पर ईडी मामला दर्ज करती है तो वह तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री होंगे. इससे पहले झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा दर्ज मामलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. कई महीने जेल में बिताने के बाद हाल ही में दोनों को जमानत मिली है. सिद्धारमैया के मामले में, बात तब शुरू हुई जब 24 सितंबर को हाई कोर्ट ने राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा तीन निजी व्यक्तियों को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति को बरकरार रखा था.

आरोप

कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों पर आरोप है कि उन्हें MUDA 50:50 भूमि विनिमय योजना से लाभ मिला. आरोप के अनुसार, मैसूर के बाहर 3.16 एकड़ जमीन, जो सिद्धारमैया की पत्नी को उनके भाई ने 2010 में उपहार में दी थी, को कथित तौर पर मैसूर के एक प्रमुख इलाके में 14 आवासीय स्थलों के बदले में बेच दिया गया. कथित अवैध भूमि विनिमय से राज्य को 56 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. ऐसा शिकायत कार्यकर्ताओं ने की है, जिन्होंने राज्यपाल और विशेष अदालत का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, सिद्धारमैया ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि भाजपा उन्हें राज्य की सत्ता से बाहर करने की साजिश कर रही है. वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि वे सीएम का समर्थन करते हैं और उनके साथ खड़े हैं. जबकि भाजपा ने उनके इस्तीफे की मांग की है.

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