केंद्र सरकार कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए कर रही है ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल
x

कृष्णा बायरे गौड़ा (बीच में), दिनेश गुंडूराव, प्रियांक खड़गे, केजे जॉर्ज और संतोष लाड समेत मंत्रियों ने दावा किया कि ईडी अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेताओं को धमकाया है। फाइल फोटो: X/@krishnabgowda

केंद्र सरकार कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए कर रही है ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल

कर्णाटक सरकार के पांच मंत्रियों ने आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई मामले की जांच नहीं कर रही हैं, बल्कि अपनी हिरासत में लिए गए लोगों पर सीएम और उपमुख्यमंत्री सहित कांग्रेस नेताओं के नाम “खुलासा” करने का दबाव बना रही हैं


Karnatak Politics: केंद्र की एनडीए सरकार कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को गिराने के प्रयास में ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का उपयोग कर रही है, ये आरोप कर्णाटक राज्य के पांच महत्वपूर्ण मंत्रियों ने गुरुवार (18 जुलाई) सुबह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया. कृष्णा बायरे गौड़ा, दिनेश गुंडूराव, प्रियांक खड़गे, केजे जॉर्ज और संतोष लाड सहित राज्य सरकार के मंत्रियों ने दावा किया कि ईडी अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए कांग्रेस नेताओं (मुख्य रूप से महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम मामले में), को कर्नाटक राज्य की सत्ता में बैठे अन्य नेताओं के नाम सह-आरोपी के रूप में लेने के लिए धमकाया है.


नेताओं के नाम बताने का “दबाव”

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पाँचों मंत्रियों ने ये आरोप लगाया कि ईडी और सीबीआई पूरी इमानदारी से मामले की जांच नहीं कर रहे हैं. इन एजेंसियों का जोर सिर्फ इस बात पर है कि उनकी हिरासत में लिए गए लोगों पर इतना दबाव बनाया जाए कि इस मामले में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री सहित अन्य कांग्रेस नेताओं के नाम इस पुरे मामले में लिया जाए.

मंत्रियों ने ये भी दावा किया कि उनके पास इस बात के सारे सबूत मौजूद हैं. ईडी ने कथित तौर पर कहा, "मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद पैसे का इस्तेमाल किया गया है. बयान दें कि हमने इस पैसे का इस्तेमाल चुनावों के लिए किया है और हम आपको अकेला छोड़ देंगे."


भाजपा को चेतावनी

मंत्रियों ने सवाल उठाया, "सीबीआई का कहना है कि उसे जांच करने का अधिकार है, क्योंकि महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम मामले में 3 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताएं की गई हैं, लेकिन उन्होंने देवराज अरासु टर्मिनल मामले में यही नियम क्यों नहीं लागू किया और इसकी जांच क्यों नहीं की? कोविड से जुड़ी अनियमितताओं की जांच क्यों नहीं की गई?"

उन्होंने कहा कि न केवल कांग्रेस बल्कि कुछ मीडिया संगठनों और सुप्रीम कोर्ट ने भी ये कहा है कि देश में जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक बदले के हथियार के रूप में किया जा रहा है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि कर्नाटक सरकार भाजपा की ऐसी कोशिशों का मुंहतोड़ जवाब देगी। मंत्रियों ने कहा, "हमें पता है कि इससे कैसे निपटना है." उन्होंने चेतावनी दी कि भाजपा को "सबक सिखाया जाएगा."


(यह मूलतः द फेडरल कर्नाटक में प्रकाशित एक लेख से अनुवादित है)


Read More
Next Story