कर्णाटक हाई कोर्ट से निराश सीएम सिद्धारमैया ने मोदी सरकार पर लगाया बदले की राजनीती का आरोप
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कर्णाटक हाई कोर्ट से निराश सीएम सिद्धारमैया ने मोदी सरकार पर लगाया बदले की राजनीती का आरोप

सिद्धारमैया का दावा है कि भाजपा और जेडीएस ने उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लिया है क्योंकि वह गरीबों के पक्षधर हैं और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं


Karnatak CM Siddharamaiha: कर्णाटक हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की मोदी सरकार पर 'बदले की राजनीती' का आरोप लगाया है. सिद्धारमैया ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हर उस राज्य की सरकार को हिलाना चाहती है, जहाँ पर दूसरे दलों की सरकार है. इतना ही नहीं सिद्धारमैया ने कहा कि वे अपनी लीगल टीम से विचार विमर्श कर रहे हैं कि आगे किस तरह से क़ानूनी कदम उठाया जाए. कथित MUDA घोटाले के सिलसिले में संभावित अभियोजन का सामना कर रहे सिद्धारमैया ने मंगलवार (24 सितंबर) को कहा कि उन्हें कानून और संविधान पर दृढ़ विश्वास है तथा उन्हें विश्वास है कि अंततः सत्य की जीत होगी.


सिद्धारमैया ने मोदी पर निशाना साधा
सिद्धारमैया ने एक्स पर लिखा, "यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की बदले की राजनीति के खिलाफ लड़ाई है. भाजपा और जेडीएस की इस बदले की राजनीति के खिलाफ हमारा न्यायिक संघर्ष जारी रहेगा. मुझे अदालत पर भरोसा है." उन्होंने कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देशभर में राजभवन का दुरुपयोग कर विपक्षी दलों की सरकारों को दंडित करने की साजिश कर रही है.’’ मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि वो राज्यपाल की मंजूरी को कानूनी चुनौती देने का इरादा रखते हैं.

आगे की कानूनी चुनौती
सिद्धारमैया ने कहा कि "मैं इस बारे में विशेषज्ञों से परामर्श करूंगा कि क्या कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है या नहीं... मुझे विश्वास है कि 17ए के तहत जांच रद्द कर दी जाएगी." सिद्धारमैया ने ये भी दावा किया कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बीएनएसएस की धारा 218 के तहत अभियोजन के लिए राज्यपाल की मंजूरी को खारिज कर दिया था और केवल धारा 17ए तक ही सीमित रखा था. उन्होंने चुनौती भरे लहजे में कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि अगले कुछ दिनों में सच्चाई सामने आ जाएगी और 17ए के तहत जांच रद्द कर दी जाएगी." "इस राजनीतिक संघर्ष में राज्य की जनता मेरे साथ है."

'यह घोटाला एक दिखावा है'
सिद्धारमैया ने भाजपा और जेडीएस पर आरोप लगते हुए कहा कि ये लोग मेरे खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा ले रहे हैं, क्योंकि मैं गरीबों का हितैषी हूं और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहा हूं. सिद्धारमैया ने कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) भूमि घोटाले को एक बार फिर "ढोंग" करार दिया और भाजपा के विपक्षी नेताओं पर निशाना साधा, जिन्होंने उनसे इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती थी कि वो इस्तीफा दे दें क्योंकि उसके पास उनकी कल्याणकारी योजनाओं का कोई जवाब नहीं था.

ऑपरेशन कमल
सिद्धारमैया के अनुसार ‘‘आज मेरा इस्तीफा मांगने वाले नेता वही हैं, जिन्होंने गरीबों और दबे-कुचले लोगों के लिए मेरे द्वारा लागू की गई योजनाओं का विरोध किया था. कर्नाटक के लोगों ने भाजपा को अपने दम पर सत्ता में आने के लिए बहुमत नहीं दिया था, इसलिए उसे ‘ऑपरेशन कमल’ चलाकर सत्ता हासिल करनी पड़ी थी’’ 'ऑपरेशन कमल' का व्यंग्य कांग्रेस के इस दावे की ओर इशारा करता है कि भाजपा सत्तारूढ़ दलों के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाकर और उनके प्रशासन को अस्थिर करके निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करना चाहती है.


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