कर्नाटक सड़क हादसा: बस चालक सचिन की सूझबूझ से 40 स्कूली बच्चों की बची जान
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कर्नाटक सड़क हादसा: बस चालक सचिन की सूझबूझ से 40 स्कूली बच्चों की बची जान

इस हादसे में बस चालक सचिन ने न सिर्फ अपनी बस को समय रहते रोका, बल्कि पास में हुए एक भीषण दुर्घटना के बाद अन्य यात्रियों की जान बचाने में भी अहम भूमिका निभाई।


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कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के हिरियूर तालुका में गुरुवार तड़के (25 दिसंबर) एक बड़ा सड़क हादसा होते-होते टल गया। बेंगलुरु से दांडेळी शैक्षणिक भ्रमण पर जा रहे एक निजी स्कूल के 40 बच्चों की जान बस चालक सचिन की सतर्कता और तुरंत लिए गए फैसले की वजह से बच गई। इस हादसे में सचिन ने न सिर्फ अपनी बस को समय रहते रोका, बल्कि पास में हुए एक भीषण दुर्घटना के बाद अन्य यात्रियों की जान बचाने में भी अहम भूमिका निभाई।

कैसे टला बड़ा हादसा?

सचिन उस बस को चला रहे थे, जिसमें 40 स्कूली बच्चे सवार थे। उनके आगे एक गोकर्णा जा रही लग्जरी स्लीपर बस चल रही थी। तभी सामने से आ रहा एक कंटेनर ट्रक नियंत्रण खो बैठा और नेशनल हाईवे-48 पर डिवाइडर पार कर सीधे उस स्लीपर बस से टकरा गया। टक्कर के बाद बस में आग लग गई, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई। कंटेनर चालक की भी मौत हो गई, जबकि स्लीपर बस का चालक घायल हो गया।

खतरे को भांपकर लिया सही फैसला

सचिन ने खतरे को तुरंत भांप लिया। उन्होंने अपनी बस का स्टीयरिंग मजबूती से पकड़ते हुए उसे बाईं ओर मोड़ दिया और सुरक्षित तरीके से सर्विस रोड पर रोक दिया। इस दौरान उनकी बस का आग की चपेट में आई, लेकिन उन्होंने नियंत्रण नहीं खोया। सचिन ने बताया कि मैं बीच वाली लेन में था। जैसे ही मुझे खतरा महसूस हुआ, मैंने बस को बाईं ओर मोड़ दिया। बच्चों की बस सुरक्षित रुक गई और सभी बच्चे पूरी तरह सुरक्षित हैं।

बच्चों को सुरक्षित कर जलती बस की ओर दौड़े सचिन

बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद भी सचिन रुके नहीं। उन्होंने तुरंत बस से उतरकर आग की चपेट में आई स्लीपर बस की ओर दौड़ लगाई। उस वक्त बस पूरी तरह आग से घिरी हुई थी। सचिन ने बताया कि मैंने बस की खिड़की तोड़ी और अंदर फंसे लोगों को एक-एक कर बाहर निकाला। मेरी मदद एक और व्यक्ति ने की। कुल 9 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

ज्यादा लोगों को न बचा पाने का मलाल

सचिन ने बताया कि एक महिला बस से बाहर निकल आई थी, लेकिन उसका बच्चा अंदर फंसा हुआ था। आग इतनी भीषण थी कि वे कुछ नहीं कर सके। हालांकि बच्चा बच गया, लेकिन जो लोग नहीं बच पाए, उसका दुख सचिन को अब भी परेशान करता है। भावुक होते हुए उन्होंने कहा कि जब आंखों के सामने लोग मर रहे हों और आप कुछ न कर पाएं, वह एहसास आज भी मुझे डराता है।

‘यह दिन मैं कभी नहीं भूलूंगा’

सचिन ने कहा कि मुझे लगता है भगवान ने मेरी बस में बैठे बच्चों को बचा लिया। यह सब कंटेनर चालक की लापरवाही की वजह से हुआ। मैं अब तक इस सदमे से बाहर नहीं आ पाया हूं। यह दिन मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगा।

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