
EC ने मद्रास HC को बताया – अभिनेता विजय की TVK मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं
चुनाव आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता निरंजन राजगोपाल ने अदालत को बताया कि TVK फिलहाल कोई मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है, इसलिए उसे मान्यता रद्द करने की मांग का कोई औचित्य नहीं बनता।
तमिल सुपरस्टार विजय की राजनीतिक पार्टी तमिऴगा वेट्ट्री कझगम (TVK) को लेकर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग (ECI) ने मद्रास हाई कोर्ट को सूचित किया कि TVK एक मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है। यह जानकारी मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति जी अरुलमुरुगन की खंडपीठ के समक्ष दी गई, जब सी. सेल्वाकुमार द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में करूर भगदड़ के संदर्भ में TVK की मान्यता रद्द करने सहित कई निर्देशों की मांग की गई थी।
क्या है मामला?
27 सितंबर 2025 को करूर में विजय की पार्टी TVK की एक रैली के दौरान भयानक भगदड़ मच गई थी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद विजय और उनकी पार्टी को आलोचना का सामना करना पड़ा। इसी घटना के मद्देनज़र याचिकाकर्ता ने मांग की कि TVK की मान्यता रद्द की जाए। महिलाओं और बच्चों की रैलियों में भागीदारी पर प्रतिबंध लागू किया जाए। हादसे के लिए पार्टी नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया जाए। मृतकों के परिजनों को कम से कम ₹1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए।
TVK की मान्यता पर कोर्ट की टिप्पणी
चुनाव आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता निरंजन राजगोपाल ने अदालत को बताया कि TVK फिलहाल कोई मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल नहीं है, इसलिए उसे मान्यता रद्द करने की मांग का कोई औचित्य नहीं बनता। इस पर कोर्ट ने इस याचिका के मान्यता रद्द करने वाले हिस्से को खारिज कर दिया।
FIR में बदलाव की मांग और सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
याचिका में अभिनेता विजय के खिलाफ दर्ज FIR में संशोधन की भी मांग की गई थी। इस पर अदालत ने कहा कि यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत CBI जांच के अधीन है, इसलिए इसे CBI और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निपटाया जाएगा।
करूर भगदड़ से जुड़ी याचिकाओं के लिए अलग पीठ
पीठ ने निर्देश दिया कि करूर भगदड़ से जुड़ी सभी याचिकाएं, सिवाय उनके जो सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं, हाई कोर्ट के प्रशासनिक पक्ष के समक्ष रखी जाएं, ताकि इन पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ गठित की जा सके।
महिलाओं और बच्चों पर रोक की मांग
सी. सेल्वाकुमार ने अपनी याचिका में यह भी मांग की चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करे कि राज्य में किसी भी राजनीतिक रैली, जुलूस या चुनाव प्रचार में बच्चों और महिलाओं को शामिल न किया जाए। सभी मान्यता प्राप्त दलों से लिखित में यह आश्वासन लिया जाए। निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, यहां तक कि मान्यता रद्द करने तक की कार्रवाई की जाए।
मुआवजा और जवाबदेही की मांग
याचिकाकर्ता ने TVK को निर्देश देने की मांग की कि प्रत्येक मृतक के परिवार को कम से कम ₹1 करोड़ का मुआवजा दिया जाए। घायलों को उनके अनुसार उचित राहत राशि मिले। पार्टी नेतृत्व को महिलाओं और बच्चों की अवैध भीड़ जुटाने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाए, जिससे यह त्रासदी हुई।