
तमिलनाडु में नया SOP बनने तक रैली नहीं कर पाएगी कोई भी पार्टी, स्टालिन सरकार ने हाईकोर्ट को बताया।
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने विजय की करूर रैली में हुई भगदड़ की सीबीआई जांच की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जांच अभी शुरुआती दौर में है।
तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच को बताया कि जब तक नए मानक संचालन प्रक्रियाएँ (SOPs) नहीं बनतीं, तब तक पुलिस किसी भी राजनीतिक पार्टी को सार्वजनिक सभा की अनुमति नहीं देगी। यह घोषणा हाईकोर्ट के उस निर्देश के बाद की गई है जिसमें राज्य सरकार को ऐसे आयोजनों के लिए दिशा-निर्देश बनाने को कहा गया था। रविवार (28 सितंबर) को अभिनेता और टीवीके नेता विजय की करूर में हुई चुनावी रैली में भीड़ भगदड़ में बदल गई थी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए।
सार्वजनिक सभाओं पर रोक
मदुरै बेंच के सामने पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) ने कहा कि जब तक SOPs तैयार नहीं हो जाते, तब तक किसी राजनीतिक सभा की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह दलील उस समय दी गई जब कोर्ट ने राजनीतिक बैठकों के लिए SOP तैयार करने की मांग करने वाली कई जनहित याचिकाओं (PILs) का निपटारा किया।
सुनवाई के दौरान, बेंच ने चेन्नई के वकील एम.एल. रवि (अध्यक्ष, देशिया मक्कल सक्थि कच्ची) की ओर से दायर एक जनहित याचिका भी ली, जिसमें करूर की त्रासदी की सीबीआई जांच की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति धंडापानी ने टिप्पणी की, “याचिकाकर्ता का पीड़ितों से कोई संबंध नहीं है। आप इस अदालत को राजनीतिक मंच में नहीं बदल सकते।”
जजों ने रवि की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह एक राजनेता हैं, पीड़ित पक्ष नहीं, और करूर पुलिस की जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है। इसी तरह की याचिका बीजेपी से जुड़े अधिवक्ता जी.एस. मणि की ओर से भी दायर की गई थी, जिसमें सीबीआई जांच की मांग की गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया। जजों ने कहा, “जांच की शुरुआती अवस्था में आप कैसे सीबीआई जांच की मांग कर सकते हैं?”
आधारभूत सुविधाएँ सुनिश्चित करने का निर्देश
कोर्ट ने कहा कि जिन पार्टियों को पहले से अनुमति मिल चुकी है, उन्हें रैली आयोजित करने से नहीं रोका जाएगा। हालांकि, उसने यह स्पष्ट किया कि सार्वजनिक सभाएँ राष्ट्रीय या राज्य राजमार्गों के पास नहीं की जानी चाहिए। साथ ही अदालत ने निर्देश दिया कि राजनीतिक सभाओं में पीने का पानी, चिकित्सकीय और एम्बुलेंस सेवाएँ, शौचालय और उचित निकास मार्ग जैसी आवश्यक सुविधाएँ सुनिश्चित की जानी चाहिए।
कोर्ट ने करूर भगदड़ से जुड़ी सात जनहित याचिकाओं पर सुनवाई तय की थी, जिसमें अभिनेता विजय को देखने के लिए जुटी भीड़ के बीच भगदड़ मचने से 41 लोगों की जान चली गई थी।
इस बीच, तमिलगा वेट्रि कझगम (TVK) नेताओं बुसी आनंद और सीटीआर निर्मल कुमार ने इस घटना से जुड़े मामलों में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है।