करूर भगदड़ में चार के खिलाफ केस दर्ज, एफआईआर में विजय का नाम नहीं
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करूर भगदड़ में चार के खिलाफ केस दर्ज, एफआईआर में विजय का नाम नहीं

करूर टीवीके रैली में अब तक 40 लोगों की मौत के बाद चार नेताओं पर हत्या प्रयास और सार्वजनिक संपत्ति नुकसान के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।


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Karur Stampede Latest News: तमिलनाडु के करूर में शनिवार (27 सितंबर) को तमिलगा वेट्री कज़गम (टीवीके) की रैली में हुई भीषण भगदड़ में अब तक 40 लोगों की मौत के बाद पार्टी और अभिनेता-राजनेता विजय आलोचना के घेरे में हैं। वहीं करूर टाउन पुलिस ने चार प्रमुख टीवीके नेताओं के खिलाफ गंभीर मामला दर्ज किया है। इसमें विवादास्पद कार्यकर्ता बसी आनंद और सीटी निर्मल कुमार सहित अन्य प्रमुख नेताओं को हत्या के प्रयास और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के आरोप में नामित किया गया है। हालांकि एफआईआर में विजय का नाम नहीं है, लेकिन पुलिस ने रैली स्थल पर उनकी देर से आने को भीड़ बढ़ने और भगदड़ के लिए जिम्मेदार बताया है।

‘आरोपी ने पुलिस आदेशों का उल्लंघन किया’

मामला रैली स्थल पर हुई झड़प से जुड़ा है। आरोपियों पर पुलिस आदेशों की अवहेलना और जान जोखिम में डालने वाले हमले की साजिश का आरोप है। जांच सूत्रों के अनुसार, आरोपियों ने विरोधियों पर पत्थर फेंके, सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त किए और पुलिस की बार-बार चेतावनी को नजरअंदाज किया। इसके कारण राहगीरों को चोटें आई और सरकारी संपत्ति को लगभग ₹2 लाख का नुकसान हुआ।

कानूनी प्रावधान और आरोप

एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 105, 110, 125(b), 223 और तमिलनाडु सार्वजनिक जीवन व संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम (TNPPDL) की धारा 3 के तहत आरोप लगाए गए हैं। आरोपियों पर गैर-इरादतन हत्या, हत्या के प्रयास, लापरवाही से मानव जीवन को खतरे में डालने और सार्वजनिक अधिकारी के आदेशों की अवहेलना के आरोप हैं।

मुख्य आरोपी कौन हैं?

मुख्य आरोपियों में करूर वेस्ट टीवीके के जिला सचिव मधियाझगन, टीवीके के महासचिव बसी आनंद, और टीवीके के संयुक्त महासचिव सीटी निर्मल कुमार शामिल हैं। इसके अलावा रैली के आयोजन समिति के दो अन्य अज्ञात सहयोगियों को भी एफआईआर में नामित किया गया है।

अभियोग की धाराएं

BNS धारा 105: गैर-इरादतन हत्या पर सजा, 10 साल तक कारावास या उम्रकैद।

BNS धारा 110: हत्या के प्रयास पर 10 साल तक कारावास और जुर्माना।

BNS धारा 125(b): लापरवाही से मानव जीवन जोखिम में डालने पर 5 साल तक जेल।

BNS धारा 223: सरकारी आदेशों का उल्लंघन, 1 महीने जेल या जुर्माना।

TNPPDL अधिनियम धारा 3: अवैध सभा में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त दंड।

भीषण भगदड़ और पीड़ितों की जानकारी

पुलिस ने 39 मृतकों की पहचान कर उनके शव परिवारों को सौंप दिए हैं, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे थे। त्रासदी अत्यधिक गर्मी और भीड़भाड़ के बीच हुई, और विजय के देर से पहुंचने से भीड़ में पानी और स्थान के लिए हड़बड़ी बढ़ गई।

जांच और आगे की कार्रवाई

सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयानों के विश्लेषण के बाद और गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। करूर SP आर. मुथुकुमार ने मामले की पुष्टि की है, लेकिन विजय की स्थिति पर टिप्पणी करने से इनकार किया और सभी पक्षों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया। मामला कोर्ट में अगले सप्ताह उठ सकता है।

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