People walk through the rubble of the home of a terrorist that was destroyed at Murran village in Pulwama, South Kashmir,
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दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के मुर्रान गांव में एक आतंकवादी के ध्वस्त घर के मलबे के बीच चलते हुए लोग। (फोटो: रॉयटर्स)

कश्मीर घाटी में एक्शन तेज, आतंकियों के सपोर्ट सिस्टम पर भी कार्रवाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आतंकवादियों और उनके समर्थन तंत्र को जड़ से उखाड़ने के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश देने के बाद ये अभियान तेज किए गए हैं।


पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा अभियान तेज कर दिए गए हैं। पहलगाम से सटे घने जंगलों में सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया है, जबकि राज्य पुलिस ने घाटी भर में संदिग्ध आतंक समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई को तेज कर दिया है।

गुरुवार देर रात, पहलगाम हमले में शामिल होने के संदेह में दो स्थानीय लोगों के घरों को विस्फोटकों से ध्वस्त किया गया। इसके बाद दक्षिण कश्मीर में चार और संदिग्धों के घरों को भी उड़ाया गया।

सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद इन अभियानों में तेजी लाई गई है। शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को आतंकवादियों और उनके समर्थन ढांचे को पूरी तरह खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने को कहा था।

इसी बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को गृह मंत्रालय ने इस हमले की जांच जम्मू-कश्मीर पुलिस से अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है। एनआईए ने एक नई प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर घटनास्थल का प्रतिकृति निर्माण किया और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए।

व्यापक तलाशी अभियान

अधिकारियों के मुताबिक, तलाशी अभियान सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के संयुक्त प्रयास से चलाए जा रहे हैं।

पहलगाम का बैसारन घास का मैदान घने जंगलों के जरिए दक्षिण में कोकरनाग, दक्षिण-पश्चिम में किश्तवाड़, उत्तर में सोनमर्ग और अमरनाथ गुफा मंदिर, तथा उत्तर-पश्चिम में त्राल और दाचीगाम नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है। दाचीगाम नेशनल पार्क श्रीनगर के नजदीक है, जबकि किश्तवाड़ के जंगल डोडा और जम्मू के अन्य हिस्सों से संपर्क बनाते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले बताया गया है, "पिछले तीन दिनों से तलाशी अभियान जारी है। बल विभिन्न दिशाओं से धीरे-धीरे और अत्यंत सतर्कता के साथ आगे बढ़ रहे हैं।"

घाटी में आतंक समर्थकों पर शिकंजा

इसके समानांतर, घाटी भर में कथित "आतंकी समर्थन सिस्टम" के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। पिछले चार दिनों में 2,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

श्रीनगर जिले में पुलिस ने कम से कम 63 कथित आतंक समर्थकों के घरों पर छापेमारी की है, जिसमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई आतंकवादी पारिस्थितिकी तंत्र को तोड़ने के उद्देश्य से की जा रही है।

पुलिस ने अपने बयान में कहा, "यह निर्णायक कार्रवाई उन व्यक्तियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू करने के लिए की गई है, जो राष्ट्रविरोधी और आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं। तलाशी अभियानों के दौरान हथियार, दस्तावेज, और डिजिटल उपकरणों को जब्त कर, साजिश या आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े साक्ष्य और खुफिया जानकारी जुटाई जा रही है।"

दक्षिण कश्मीर में निगरानी और पूछताछ तेज

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पुलिस ने 175 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। संवेदनशील इलाकों में घेराबंदी और तलाशी अभियान, घात लगाकर हमले और गश्त बढ़ाई गई है। प्रमुख मार्गों पर अतिरिक्त मोबाइल चौकियां भी स्थापित की गई हैं।

महंगा पड़ेगा आतंकवाद

अधिकारियों का कहना है कि अब तक छह घरों को ध्वस्त किया गया है ताकि "उग्रवादी बनने की लागत बढ़ाई जा सके"। गुरुवार रात आदिल अहमद ठोकर और आसिफ अहमद शेख के घरों को बिजबेहड़ा और त्राल में गिराया गया, दोनों पर पहलगाम हमले में शामिल होने का संदेह है।

शुक्रवार रात पुलवामा में एहसान-उल-हक, शोपियां में शाहिद अहमद और कुलगाम में जाकिर अहमद के घर ध्वस्त किए गए। कुपवाड़ा जिले के कलारूस इलाके में फरीद अहमद टेडवा का घर भी विस्फोट से उड़ाया गया। टेडवा 1990 में पाकिस्तान चला गया था।

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