कथित शराब घोटाला मामले में केजरीवाल को ईडी के मामले में मिली जमानत
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कथित शराब घोटाला मामले में केजरीवाल को ईडी के मामले में मिली जमानत

सुनवाई के दौरान ईडी की तरफ से अदालत में कहा गया था कि केजरीवाल आम आदमी पार्टी के सयोजक भी हैं. जो भी पार्टी का काम होता है उनकी मर्जी के बगैर नहीं होता. इसलिए उन्हें जमानत न दी जाए.


Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली सरकार के कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री को ईडी के मामले में जमानत दे दी गयी है. दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत ने शाम को ये फैसला सुनाया है. इससे पहले बुधवार और गुरूवार(20 जून) को केजरीवाल की याचिका पर दो दिनों तक सुनवाई चली. गुरूवार दोपहर को सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया और शाम को केजरीवाल की जमानत स्वीकार करने का आदेश सुनाया. केजरीवाल को 1 लाख के मुचलके पर जमानत दी गयी. आदेश आने पर ईडी ने अदालत से ये दरख्वास्त की कि वो बेल बांड भरवाने के लिए 48 घन्टे का समय रखें ताकि हम दिल्ली हाई कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दे सकें. अदालत ने ये सपष्ट किया कि वो इस आदेश पर किसी भी तरह का स्टे नहीं देने वाले हैं. बेल बांड कल ड्यूटी जज के सामने पेश किये जाएँ.

केजरीवाल की तरफ से क्या कहा गया

जमानत याचिका की सुवाई के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने एक बार फिर से कहा है कि उनके खिलाफ जाँच एजेंसी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है. जाँच एजेंसी ने उनकी गिरफ्तारी सिर्फ और सिर्फ बयानों के आधार पर की है, बयान भी ऐसे लोगों के जो कहीं न कहीं धूमिल छवि रखते हैं, या फिर इसी मामले में पहले गिरफ्तार किये गए और सरकारी गवाह बनते ही उन्हें जमानत दे दी गयी. फिलहाल अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

दरअसल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की तरफ से जमानत याचिका दायर की गयी थी, जिस पर राउज़ एवेन्यू अदालत में पहले बुधवार(19 जून) को सीएम केजरीवाल के वकील ने दलील रखते हुए कहा कि सीएम को हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है. सीएम केजरीवाल के वकील ने पक्ष रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ जो पूरा मामला तैयार किया गया है, वो सिर्फ बयानों पर आधारित है. ये बयान भी उन लोगों के हैं, जिन्होंने खुद को दोषी माना है. वे कोई संत महात्मा नहीं हैं. इतना ही नहीं इनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं, जो पहले गिरफ्तार किये गए और फिर सरकारी गवाह बने. गवाह बनने से पहले इनके बयान कुछ थे और गवाह बनने के बाद कुछ और. गवाह बनने के बाद इन्हें जमानत मिल जाती है. ऐसे में इनके बयानों पर किस तरह यकीन किया जा सकता है. ऐसा भी हो सकता है, इनसे कोई वादा करके या दबाव डाल कर बयान लिया हो.

गुरूवार को ईडी की तरफ से पेश हुए वकील एएसजी(अडिशनल सोलिसिटर जनरल) एसवी राजू ने जमानत याचिका विरोध किया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल आम आदमी पार्टी के सयोजक भी हैं. जो भी पार्टी का काम होता है उनकी मर्जी के बगैर नहीं होता. अगर ये कहते हैं कि इन्होनें कोई पैसा खुद से नहीं लिया या कोई डील नहीं की है, तो भी आम आदमी पार्टी को जिस तरह से किक बैक मिला और गोवा के चुनाव में वो पैसा इस्तेमाल किया गया, तो फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि ये अरविन्द केजरीवाल की मर्जी के बगैर ये सब हुआ हो. इसलिए अरविन्द केजरीवाल को जमानत नहीं दी जानी चाहिए.

21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था केजरीवाल को

दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में अरविन्द केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था.

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