पंजाब आप की बैठक दिल्ली में क्यों? केजरीवाल क्या संदेश देना चाहते हैं?
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पंजाब आप की बैठक दिल्ली में क्यों? केजरीवाल क्या संदेश देना चाहते हैं?

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन सभी दावों को नकार दिया, जिनमें पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायकों में असंतोष का दावा किया गया है।


Punjab Politics And AAP: आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई में इन दिनों असंतोष की अफवाहें जोरों पर हैं। पंजाब में पार्टी की सरकार के भविष्य को लेकर पैदा हो रही आशंकाओं के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनके मंत्रियों के साथ कपूरथला हाउस में एक अहम बैठक बुलाई। ये बैठक पंजाब में पार्टी की स्थिति और भविष्य के राजनीतिक कदमों को लेकर थी। जो लगभग 10 से 15 मिनट तक चली।

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बैठक को लेकर कोई विशेष चिंता जताने की बजाय कहा, "हमने दिल्ली में अच्छे तरीके से चुनाव लड़ा और पंजाब में हम पूरी तरह से अपनी सरकार की कार्यशैली से संतुष्ट हैं।"

पंजाब को ऐसा मॉडल बनायेंगे जो पूरे देश में जाना जाएगा
बैठक के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उन सभी अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश कि जिनमें आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार में असंतोष की बात कही जा रही थी। भगवंत मान ने पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाजवा के उस बयान को नकार दिया, जिसमें बाजवा ने दावा किया था कि पंजाब के कई आप विधायक टूट कर कांग्रेस में आने को तैयार हैं। मान ने कहा कि बाजवा ऐसा दावा पिछले ढाई साल से ऐसा कर रहे हैं। ऐसा कुछ नहीं है। हम जमीं से जुड़े हुए नेता हैं, हम इधर उधर नहीं जाते। भगवंत मान ने कहा कि केजरीवाल और सिसोदिया ने पंजाब आम आदमी पार्टी के सभी विधयाकों को धन्यवाद दिया, जो दिल्ली के चुनाव में प्रचार में शामिल हुए थे।
भगवंत मान ने ये भी कहा कि पंजाब में विकास का काम जारी है और जनहित के काम चलते रहेंगे

बीजेपी के आरोप: 'केजरीवाल पंजाब का सीएम बनने की राह देख रहे'
राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से बीजेपी के विजयी उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस बैठक को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल अब पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए रास्ते तलाश रहे हैं। वे दिल्ली में हार चुके हैं और अब पंजाब में भगवंत मान को असफल दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका उद्देश्य यह साबित करना है कि पंजाब में भ्रष्टाचार फैला हुआ है और मुख्यमंत्री भगवंत मान अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में नाकाम रहे हैं।"
सिरसा ने यह भी दावा किया कि पार्टी के कुछ विधायकों को इस बैठक में बुलाया गया है ताकि वे पंजाब के हालात को 'खराब' दिखा सकें, और केजरीवाल खुद को 'पंजाब का सीएम' दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना था, "यह सब एक सोची-समझी राजनीति का हिस्सा है।"

बीजेपी की आशंका: 'आप सरकार कभी भी गिर सकती है'
बीजेपी सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने भी इस बैठक पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल का घमंड चूर-चूर कर दिया है। अब उन्हें यह अहसास हो गया है कि पंजाब के विधायकों के बीच असंतोष बढ़ रहा है और मुख्यमंत्री भगवंत मान को अपनी सरकार की स्थिरता को लेकर चिंताएँ हैं। ऐसे हालात में, मुझे लगता है कि भगवंत मान का मुख्यमंत्री बने रहना मुश्किल हो सकता है।"
इसके अलावा, बीजेपी के कई नेताओं ने यह भी दावा किया कि आम आदमी पार्टी के 20 से अधिक विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं, और यदि स्थिति ऐसी ही रही तो पंजाब में आप सरकार कभी भी गिर सकती है। बीजेपी के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को दावा किया, "अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को पंजाब में भविष्य नहीं दिखाई दे रहा है। उनकी सरकार कभी भी गिर सकती है।"

कांग्रेस और बीजेपी के आरोप: 'आप का नियंत्रण कमजोर'
कांग्रेस के कुछ नेताओं का भी मानना है कि आम आदमी पार्टी में अंदरूनी असंतोष गहरा रहा है। वे दावा कर रहे हैं कि पार्टी के कई विधायक भगवंत मान की नेतृत्व शैली से असंतुष्ट हैं। वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल अब भी पंजाब में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए सब कुछ कर रहे हैं, चाहे वह विधायकों को इकट्ठा करने का प्रयास हो या फिर पार्टी के भीतर के असंतोष को सार्वजनिक करने की कोशिश।




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