अमित शाह के दावे पर केरल CM का पलटवार! कहा- भारी बारिश के लिए जारी नहीं किया गया रेड अलर्ट
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे का खंडन किया कि भारी बारिश से पहले राज्य सरकार को मौसम संबंधी चेतावनी जारी कर दी गई थी.
Kerala Chief Minister Pinarayi Vijayan: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे का खंडन किया कि भारी बारिश से पहले राज्य सरकार को मौसम संबंधी चेतावनी जारी कर दी गई थी, जिससे विनाशकारी भूस्खलन हुआ और कई लोगों की मौत हो गई.
बता दें कि लोकसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने दावा किया कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने भूस्खलन होने से कम से कम एक सप्ताह पहले केरल में भारी बारिश के बारे में चेतावनी जारी की थी और 23 जुलाई को एनडीआरएफ की आठ टीमों को तैनात किया गया था.
शाह ने कहा कि 18 जुलाई को यह पूर्वानुमान लगाया गया था कि केरल के पश्चिमी तट पर सामान्य से अधिक बारिश होगी. 25 जुलाई को यह पूर्वानुमान लगाया गया था कि भारी बारिश होगी. 23 जुलाई को ही एनडीआरएफ की आठ टीमों को क्षेत्र में भेजा गया था.
वहीं, सीएम पिनाराई विजयन ने कहा कि आईएमडी की चेतावनियों के बावजूद भूस्खलन से पहले वायनाड के लिए कोई रेड अलर्ट नहीं जारी किया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 मिलीमीटर से अधिक बारिश वाले जिले में पूर्वानुमान से कहीं अधिक खराब मौसम रहा. विजयन के अनुसार, आईएमडी ने केवल ऑरेंज अलर्ट जारी किया था, जो 6 सेमी से 20 सेमी के बीच बारिश का संकेत देता है. जबकि रेड अलर्ट, जो 24 घंटे में 20 सेमी से अधिक भारी बारिश का संकेत देता है, घोषित नहीं किया गया था.
विजयन ने कहा कि मंगलवार सुबह भूस्खलन के बाद ही जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया था. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह दोष-प्रत्यारोप का समय नहीं है और वह शाह की टिप्पणियों को प्रतिकूल रूप से नहीं ले रहे हैं. खोज और बचाव अभियान पर अपडेट देते हुए विजयन ने कहा कि अब तक 1,592 लोगों को बचाया गया है और वायनाड जिले में 82 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 2,017 लोगों को रखा गया है. कैबिनेट बैठक में स्थिति का मूल्यांकन किया गया. हम आदिवासी परिवारों को स्थानांतरित कर रहे हैं और उन लोगों को भोजन उपलब्ध करा रहे हैं, जो स्थानांतरित होने के लिए तैयार नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि आज बचाव प्रयासों में सहायता के लिए अतिरिक्त 132 सेना के जवान पहुंचे हैं. बचाव कार्यों के लिए दो हेलीकॉप्टरों का भी उपयोग किया जा रहा है.