अस्पताल के लिफ्ट में 2 दिन तक फंसा रहा शख्स, लापरवाही के आरोप में 3 कर्मचारी निलंबित
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अस्पताल के लिफ्ट में 2 दिन तक फंसा रहा शख्स, लापरवाही के आरोप में 3 कर्मचारी निलंबित

केरल के स्वास्थ्य विभाग ने तीन कर्मचारियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया. क्योंकि 59 वर्षीय एक व्यक्ति दो दिनों तक अस्पताल की लिफ्ट में फंसा रहा.


Kerala Lift Incident: केरल के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को तिरुवनंतपुरम सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के तीन कर्मचारियों को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया. क्योंकि 59 वर्षीय एक व्यक्ति दो दिनों तक अस्पताल की लिफ्ट में फंसा रहा. निलंबित किए गए तीन कर्मचारियों में दो लिफ्ट ऑपरेटर और अस्पताल का एक ड्यूटी सार्जेंट शामिल है. इन लोगों को सोमवार सुबह तक आपातकालीन स्थिति के बारे में जानकारी नहीं थी. इस वजह से स्वास्थ्य विभाग ने लापरवाही के चलते लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की.

बता दें कि उल्लूर निवासी पीड़ित रवींद्रन नायर शनिवार को मेडिकल चेक-अप के लिए अस्पताल गए थे. वह लगभग 48 घंटे तक सरकारी मेडिकल कॉलेज के आउटपेशेंट ब्लॉक में लिफ्ट के अंदर फंसे रहे. उन्हें नियमित काम के लिए आए एक ऑपरेटर ने बचाया. नायर को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

घटना के बारे में पुलिस ने कहा कि पीड़ित पहली मंजिल पर जाने के लिए लिफ्ट में चढ़े थे. लेकिन लिफ्ट नीचे आ गई और खुली नहीं. पीड़िता का कहना है कि उन्होंने मदद के लिए आवाज लगाई. लेकिन कोई नहीं आया. उनका फोन भी बंद था. जब उसका फोन नहीं मिला तो उसके परिवार ने रविवार रात मेडिकल कॉलेज पुलिस में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया.

नायर ने कहा कि लिफ्ट फंसने के बाद वह अलार्म बजाता रहा. लेकिन कोई भी उसे बचाने नहीं आया. मैंने लिफ्ट के अंदर दिए गए सभी आपातकालीन नंबरों पर कॉल करने की कोशिश की. लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया. अलार्म भी बजाया गया. लेकिन कोई नहीं आया. कुछ समय बाद, मुझे समझ में आया कि यह दूसरा शनिवार था और अगले दिन रविवार था और फिर मैंने मदद का इंतजार किया. लिफ्ट के अंदर इंतजार करते हुए व्यक्ति को समय का पता ही नहीं चला कि सोमवार को कोई उसकी मदद के लिए आएगा और लिफ्ट को ऑपरेट करेगा.

उन्होंने कहा कि आज सुबह एक ऑपरेटर आया और मैंने अलार्म दबाया. नायर ने कहा कि हम दोनों ने दोनों तरफ से दरवाजा जोर से खोला और मैं उसमें से कूद गया. उनके बेटे हरि शंकर ने कहा कि घटना के बाद उनके पिता काफी सदमे में थे. क्योंकि वे करीब दो दिनों से लिफ्ट के अंदर थे. उन्होंने कहा कि मेरे पिता का कहना है कि वे लिफ्ट के अंदर अलार्म बजाते रहे. लेकिन कोई भी बचाव के लिए नहीं आया.

वहीं, राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने फेसबुक पर पोस्ट किया कि तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज ओपी ब्लॉक में मरीज के लिफ्ट में फंसने की घटना की जांच करने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक को निर्देश दिया गया है. मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कहा है कि लिफ्ट का नियमित रूप से उपयोग नहीं किया जाता था.

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