Kolkata Rape-Murder Case: सीबीआई ने की हॉस्पिटल के डॉक्टरों और फोरेंसिक विशेषज्ञों से पूछताछ
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने तीन फोरेंसिक डॉक्टरों से पूछताछ की, जिन्होंने 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर का पोस्टमार्टम किया था.
Kolkata Female Doctor Sexually Assaulted and Muder: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को तीन फोरेंसिक डॉक्टरों से पूछताछ की, जिन्होंने 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर का पोस्टमार्टम किया था. बता दें कि महिला डॉक्टर का शव चेस्ट विभाग की तीसरी मंजिल के सेमिनार हॉल में मिलने के बाद उसी अस्पताल में प्रारंभिक पूछताछ और पोस्टमार्टम किया गया, जहां वह ड्यूटी पर थीं.
पुलिस के अनुसार, पोस्टमार्टम जांच से संकेत मिलता है कि अपराध 9 अगस्त को सुबह 3 से 5 बजे के बीच हुआ था. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि डॉ. अरुणव दत्ता चौधरी, जिन्होंने 1 अगस्त को चेस्ट विभाग के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था और अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. संजय वशिष्ठ, जिन्हें अपराध के तुरंत बाद ट्रांसफर कर दिया गया था, से भी दिन में कोलकाता के पूर्वी बाहरी इलाके में साल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पूछताछ की गई.
अधिकारियों ने कहा कि पोस्टमार्टम करने वाले तीन फोरेंसिक डॉक्टरों रीना दास, मौली बनर्जी और अपूर्वा बिस्वास को भी सीजीओ कॉम्प्लेक्स में बुलाया गया और उनसे चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई. प्रारंभिक जांच मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीन अन्य डॉक्टरों रत्ना देबनाथ, दियासिनी रॉय और अंतिया बर्मन ने की.
अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं की गई है. इसे कलकत्ता हाई कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा. बता दें कि कोलकाता पुलिस के लिए काम करने वाले सिविल वॉलिंटियर संजय रॉय (31) को 10 अगस्त को मुख्य संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया गया था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ "अंदरूनी लोग" भी इसमें शामिल हो सकते हैं.
पुलिस ने कहा कि सीजीओ कॉम्प्लेक्स में पूछताछ गुरुवार को रात करीब 12.40 बजे अज्ञात लोगों के एक बड़े समूह द्वारा अस्पताल में घुसने और जूनियर डॉक्टरों के चल रहे आंदोलन के बीच अस्पताल की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कुछ घंटों बाद शुरू हुई. यह उत्पात उसी आपातकालीन भवन में हुआ, जहां तीसरी मंजिल पर चेस्ट डिपार्टमेंट स्थित है. हालांकि, बदमाश तीसरी मंजिल पर नहीं चढ़ सके. क्योंकि यह बंद थी. दिल्ली से आई सीबीआई टीम ने बुधवार दोपहर को घटनास्थल का दौरा किया और अस्पताल के कई कर्मचारियों से पूछताछ की.
जांचकर्ताओं ने यह पता लगाने के लिए ड्यूटी रोस्टर भी एकत्र किए कि 9 अगस्त को कौन-कौन ड्यूटी पर थे. एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि ताला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी अभिजीत मंडल, जहां अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था, को भी तलब किया गया था और उन्हें मूल केस डायरी के साथ सीबीआई कार्यालय आने के लिए कहा गया था. 13 अगस्त को चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की पीठ ने कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच का तत्काल प्रभाव से आदेश दिया था.
कोर्ट का यह आदेश महिला के माता-पिता द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया गया, जिनसे मुख्यमंत्री ने 12 अगस्त को उत्तर 24 परगना जिले में उनके आवास पर मुलाकात की थी. कुछ वरिष्ठ वकीलों और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा पांच और याचिकाएं भी दायर की गई थीं. पीड़िता के माता-पिता को आशंका है कि अगर राज्य पुलिस को जांच जारी रखने की अनुमति दी गई तो सभी संभावनाओं में जांच पटरी से उतर जाएगी और दोषियों को सजा नहीं मिलेगी और इसलिए वे प्रार्थना करते हैं कि यह मामला अन्य मामलों से अलग है और इसमें इस कोर्ट के हस्तक्षेप के लिए असाधारण तात्कालिकता शामिल है, ताकि जांच एक स्वतंत्र एजेंसी को ट्रांसफर की जा सके.
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने 12 अगस्त को कहा था कि उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन कुछ घंटों बाद उन्हें कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (सीएनएमसीएच) के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया गया है. डॉ घोष की भूमिका, जिनके खिलाफ कई डॉक्टरों के संगठनों द्वारा भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए गए हैं, अदालत की सुनवाई के दौरान जांच के दायरे में आए.