ममता बनर्जी ने अंतिम वार्ता के लिए फिर भेजा निमंत्रण, जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को दिए ये 3 विकल्प
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ममता बनर्जी ने 'अंतिम' वार्ता के लिए फिर भेजा निमंत्रण, जूनियर डॉक्टरों ने सरकार को दिए ये 3 विकल्प

कोलकाता में 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले में विरोध-प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने ममता बनर्जी सरकार के "पांचवें और अंतिम" वार्ता के निमंत्रण पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.


Kolkata Junior Doctors Protesting: कोलकाता में 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के मामले में विरोध-प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने ममता बनर्जी सरकार के "पांचवें और अंतिम" वार्ता के निमंत्रण पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है. बता दें कि डॉक्टरों का एक समूह उनके कालीघाट स्थित आवास की ओर जा रहा है- जहां पिछले दौर की वार्ता शुरू होने से पहले ही विफल हो गई थी. हालांकि, जिस कारण से बैठक की वीडियोग्राफी बाधित हुई थी, वह अब अधिक प्रमुख हो गई है. अपनी प्रतिक्रिया में पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट ने सबूतों से छेड़छाड़ के मामले में सीबीआई की ताजा गिरफ्तारियों की ओर इशारा किया और कहा कि ये घटनाक्रम पारदर्शिता के महत्व को बढ़ाते हैं.

बंगाल के मुख्य सचिव मनोज पंत ने आज सुबह डॉक्टरों को ईमेल भेजकर उन्हें दक्षिण कोलकाता के कालीघाट में मुख्यमंत्री के आवास पर शाम 5 बजे वार्ता के लिए आमंत्रित किया. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे बैठक में शामिल होने के लिए "बहुत इच्छुक" थे. लेकिन वे "आधिकारिक और प्रशासनिक स्थान" को प्राथमिकता देते. जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के नए आरोप की ओर इशारा किया, जहां यह घटना हुई थी.

बता दें कि इस मामले में ताला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया गया है. डॉक्टरों ने बैठक की वीडियोग्राफी की मांग दोहराते हुए कहा कि इन दो नए घटनाक्रमों से बैठक की पारदर्शिता का महत्व पहले से भी अधिक बढ़ गया है. हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि दोनों पक्षों द्वारा अलग-अलग वीडियोग्राफर द्वारा बैठक की वीडियोग्राफी की जाए. इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच लाइव स्ट्रीमिंग और वीडियोग्राफी की मांग को लेकर बैठक विफल हो गई थी.

राज्य सरकार ने कहा है कि इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती. क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है. डॉक्टरों ने अपने नए ईमेल में राज्य सरकार को विकल्प दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर दोनों पक्षों के अलग-अलग वीडियोग्राफर द्वारा वीडियोग्राफी संभव नहीं है तो राज्य सरकार जूनियर डॉक्टरों को बैठक के तुरंत बाद कार्यवाही का वीडियो देने के लिए सहमत हो. राज्य सरकार ने पहले कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बाद ही वीडियो उपलब्ध कराएंगे. अपने नए ईमेल में एक और विकल्प जोड़ते हुए डॉक्टरों ने कहा कि बैठक के मिनट्स को दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण प्रतिलेख के साथ रिकॉर्ड किया जाना चाहिए और बैठक के अंत में सभी उपस्थित लोगों के हस्ताक्षर के बाद सौंप दिया जाना चाहिए. इससे पहले राज्य सरकार ने बैठक के मिनट्स की हस्ताक्षरित प्रति उपलब्ध कराने पर सहमति जताई थी. डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि वे मिनट्स को रिकॉर्ड करने के लिए अपने प्रतिनिधियों को साथ लाएंगे.

डॉक्टरों के संगठन ने कहा कि कृपया हमारी पांच सूत्री मांगों के लिए बैठक के लिए उपरोक्त बिंदुओं पर विचार करें. अगर आप अपनी ओर से सहमत हैं तो कृपया इस मेल का जल्द से जल्द जवाब दें. हम आपकी ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इससे पहले आज मुख्य सचिव पंत ने डॉक्टरों को भेजे गए ईमेल में कहा कि यह "पांचवीं और अंतिम बार" है, जब राज्य सरकार मुख्यमंत्री के साथ बैठक के लिए उनसे संपर्क कर रही हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि हमें विश्वास है कि सद्बुद्धि आएगी और आपसी सहमति के अनुसार तथा एक दिन पहले मीडिया को दिए गए आपके बयान के अनुसार बैठक की कोई लाइव स्ट्रीमिंग या वीडियोग्राफी नहीं होगी. क्योंकि मामला देश की सर्वोच्च अदालत में विचाराधीन है. इसके बजाय बैठक के विवरण को रिकॉर्ड किया जाएगा और दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे.

बता दें कि 9 अगस्त की घटना को लेकर विरोध कर रहे जूनियर डॉक्टरों की कई मांगें हैं, जिनमें राज्य के कुछ शीर्ष अधिकारियों को हटाना भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले उन्हें 10 सितंबर तक काम पर लौटने को कहा था. लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे ड्यूटी पर नहीं लौटेंगे. मुख्यमंत्री और जूनियर डॉक्टरों के बीच पहले से तय बैठकों में नाटकीय दृश्य देखने को मिले. 12 सितंबर को डॉक्टर ममता बनर्जी से मिलने राज्य सचिवालय नबन्ना गए. लेकिन बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया. क्योंकि उन्हें बताया गया कि कार्यवाही का लाइव-स्ट्रीम नहीं किया जा सकता. सीएम बनर्जी द्वारा जूनियर डॉक्टरों का इंतजार करने की तस्वीरें वायरल हो गईं और उन्होंने कहा कि उन्होंने दो घंटे तक इंतजार किया.

मुख्यमंत्री द्वारा राज्य स्वास्थ्य सचिवालय में डॉक्टरों के विरोध स्थल पर अचानक किए गए दौरे के बाद शनिवार को एक और बैठक की योजना बनाई गई थी. जूनियर डॉक्टर शाम 6.45 बजे उनके आवास पर पहुंचे. फिर से, डॉक्टरों की लाइव-स्ट्रीमिंग की मांग और अधिकारियों के इनकार ने बाधा उत्पन्न की. डॉक्टर बारिश में मुख्यमंत्री के घर के बाहर इंतज़ार करते रहे. उन्होंने मांग की कि उन्हें बैठक की वीडियोग्राफी करने की अनुमति दी जाए. राज्य सरकार ने इससे इनकार कर दिया और कहा कि वह बैठक की रिकॉर्डिंग करेगी और बाद में डॉक्टरों को रिकॉर्डिंग प्रदान की जाएगी. क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है.

इसके बाद ममता बनर्जी बाहर आईं और डॉक्टरों को अंदर बुलाया. उन्होंने कहा कि आप मुझ पर भरोसा कर सकते हैं. मैं आपको गुमराह नहीं करूंगी. भले ही आप बैठक में शामिल न हों. कम से कम एक कप चाय तो पीएं. उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टर उनका "अपमान" कर रहे हैं. डॉक्टरों ने ज़ोर देकर कहा कि उन्हें रिकॉर्डिंग चाहिए. फिर उन्होंने कहा कि मैं "आपकी सभी मांगें स्वीकार नहीं कर सकती". बाद में उसी रात डॉक्टरों ने बैठक में शामिल होने का निर्णय लिया. लेकिन राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य और मुख्य सचिव मनोज पंत ने उन्हें बताया कि बहुत देर हो चुकी है.

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