
8 लाख महिलाओं को मिलेंगे महज 800 रुपए, लाडकी बहिन योजना पर सियासत तेज
लाडकी बहिन योजना के तहत महाराष्ट्र सरकार अब 8 लाख महिलाओं को स्टाइपेंड 2500 रुपए से कम कर सिर्फ 500 रुपए देगी। इस मामले में सियासत भी गरमा गई है।
Ladki Bahin Scheme: राज्य सरकार ने अपने प्रमुख ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के आठ लाख लाभार्थियों की मासिक सहायता राशि घटा दी है, क्योंकि ये महिलाएं पहले से ही सरकार की एक अन्य योजना, ‘नमो शेतकरी महासन्मान निधी (NSMN)’ का लाभ उठा रही थीं। अब ये आठ लाख महिलाएं हर महीने 1500 रुपए की जगह केवल 500 रुपए ही पाएंगी, क्योंकि उन्हें पहले से ही ‘नमो शेतकरी’ कार्यक्रम के तहत 1,000 रुपए मिलते हैं। लाडकी बहिण योजना की शर्तों के अनुसार, लाभार्थी दूसरी सरकारी योजनाओं का लाभ तभी ले सकते हैं जब कुल सहायता राशि 1,500 रुपए प्रतिमाह से अधिक न हो।
यह राज्य सरकार द्वारा ‘लाडकी बहिण योजना’ के लाभार्थियों की जांच करने और सहायता राशि केवल उन्हीं को देने की प्रक्रिया का हिस्सा है, जो पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं।
अक्टूबर में, इस योजना के लिए करीब 2.63 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए थे। जांच के बाद यह संख्या घटकर फरवरी तक 2.52 करोड़ रह गई। अंततः फरवरी और मार्च में 2.46 करोड़ महिलाओं को सहायता राशि वितरित की गई।एक अधिकारी ने बताया, "जांच की प्रक्रिया जारी है। पहले जिलों से राज्य मुख्यालय को भेजे गए आवेदनों की स्कैनिंग की गई, फिर पात्र मामलों की दोबारा जांच की जा रही है।"
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पहले ही कह चुके हैं कि जांच के बाद लाभार्थियों की संख्या में 10-15 लाख की कमी आ सकती है। उन्होंने कहा, "हम न तो मानदंड बदल रहे हैं और न ही फंडिंग में कटौती कर रहे हैं। हम केवल यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सहायता राशि केवल योग्य महिलाओं को मिले।"
पात्रता के पांच प्रमुख मानदंडों के आधार पर हो रही है जांच
आयु सीमा: 18 से 65 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
स्थानीय निवास लाभार्थी को राज्य का अधिवासी होना चाहिए।
वार्षिक पारिवारिक आय: अधिकतम ₹2.5 लाख तक होनी चाहिए।
वाहन और नौकरी: जिनके पास चार पहिया वाहन है या परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में है, वे योजना के लिए अयोग्य हैं।
अन्य योजनाओं का लाभ: यदि कोई लाभार्थी अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेता है, तो उसकी कुल मासिक सहायता 1,500 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। राज्य सरकार वित्तीय दबाव में है और बजट में संतुलन बनाते हुए अपनी प्रमुख योजनाओं को चालू रखना चाहती है। 2025-26 में राज्य का ऋण अनुमान 9.3 लाख करोड़ रुपये है। ऐसे में ‘लाडकी बहिण योजना’ का बजट 46,000 करोड़ से घटाकर 36,000 करोड़ कर दिया गया है।