
खड़गे की रिपोर्ट के बाद राहुल सक्रिय, कर्नाटक में बदलाव के संकेत?
राहुल गांधी डीके शिवकुमार द्वारा विधायकों से समर्थन के लिए हस्ताक्षर जुटाने से नाखुश हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात एक निजी होटल में शिवकुमार ने मंत्री सतीश जारकीहोली से मुलाकात कर सिद्धारमैया को इस्तीफा देने के लिए मनाने का प्रस्ताव भी दिया।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच कांग्रेस के भीतर उठापटक तेज हो गई है। इसी के चलते कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक कांग्रेस की अंदरूनी स्थिति और खींचतान पर अपने करीबी सहयोगियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
इसी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी राहुल गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
राहुल गांधी कर्नाटक विवाद को लेकर चिंतित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल के दिनों में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों का लगातार दिल्ली आना-जाना बढ़ गया है, जिससे पार्टी की छवि प्रभावित हो रही है। यही वजह है कि राहुल गांधी ने पूरी स्थिति की जानकारी तलब की है। राहुल को ग्रामीण विकास मंत्री प्रियंक खड़गे और हरियाणा कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद ने राज्य कांग्रेस से जुड़े सभी ताजा घटनाक्रम, संभावित नेतृत्व परिवर्तन, कैबिनेट फेरबदल और जातीय समीकरणों सहित पूरी जानकारी दी है।
सिग्नेचर कलेक्शन पर राहुल की नाराज़गी
रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी डीके शिवकुमार द्वारा विधायकों से समर्थन के लिए हस्ताक्षर जुटाने से नाखुश हैं। बताया जा रहा है कि मंगलवार रात एक निजी होटल में शिवकुमार ने मंत्री सतीश जारकीहोली से मुलाकात कर सिद्धारमैया को इस्तीफा देने के लिए मनाने का प्रस्ताव भी दिया।
बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन का कोई भी निर्णय राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ चर्चा के बाद ही होगा। उन्होंने कहा कि हाईकमान मैं, राहुल जी और सोनिया जी मिलकर इस मुद्दे को सुलझाएंगे।
क्यों बढ़ी चर्चा?
कर्नाटक में यह विवाद तब उभरा है, जब सिद्धारमैया सरकार ने 20 नवंबर को अपने कार्यकाल का आधा हिस्सा पूरा किया और 2023 में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच हुए कथित “पावर-शेयरिंग फॉर्मूला” के बारे में चर्चा फिर तेज हो गई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि इस भ्रम को खत्म करना हाईकमान की जिम्मेदारी है। वहीं शिवकुमार ने कहा कि पार्टी के भीतर “5–6 लोगों के बीच एक गुप्त समझौता” हुआ था, जिसके बारे में वे सार्वजनिक रूप से बात नहीं करना चाहते।
शिवकुमार का ‘सीक्रेट डील’ बयान
शिवकुमार ने कहा कि मैंने कभी खुद को सीएम बनाने की मांग नहीं की। यह पांच-छह लोगों के बीच एक गुप्त समझौता है। मैं पार्टी को किसी भी तरह से शर्मिंदा नहीं करना चाहता। पार्टी है तो हम हैं। कनकपुरा में पत्रकारों से बातचीत में शिवकुमार ने सिद्धारमैया को पार्टी की पूंजी बताते हुए कहा कि वह अनुभवी नेता हैं। उन्होंने 7.5 साल मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है (2013–18 और अब)। सिद्धारमैया के अगले बजट पेश करने की बात पर उन्होंने कहा कि अच्छी बात है। हमें 2028 के विधानसभा चुनाव और 2029 के लोकसभा चुनाव को लक्ष्य बनाकर मिलकर काम करना चाहिए।

