
लद्दाख हिंसा मामले में पुलिस ने सोनम वांगचुक पर उठाए सवाल, पाकिस्तानी संपर्क की हो रही जांच
डीजीपी जमवाल ने कहा कि हाल ही में पाकिस्तान का एक पीआईओ (Person of Indian Origin) गिरफ्तार किया गया है, जो वांगचुक से संपर्क में था और पाकिस्तान को रिपोर्ट भेज रहा था.
लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी, अब नए मोड़ पर पहुँच गई है. लद्दाख के डीजीपी एस.डी. सिंह जमवाल ने बताया कि पुलिस सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पाकिस्तान और बांग्लादेश यात्राओं की जांच कर रही है.
सोनम वांगचुक का पाकिस्तान कनेक्शन!
डीजीपी जमवाल ने कहा कि हाल ही में पाकिस्तान का एक पीआईओ (Person of Indian Origin) गिरफ्तार किया गया है, जो वांगचुक से संपर्क में था और पाकिस्तान को रिपोर्ट भेज रहा था. उन्होंने बताया कि वांगचुक ने पाकिस्तान में डॉन अखबार के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और बांग्लादेश भी गए थे, जिससे उनकी गतिविधियों पर सवाल उठ रहे हैं. जमवाल ने वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि वे पहले भी अरब स्प्रिंग, नेपाल और बांग्लादेश के आंदोलनों का हवाला देकर युवाओं को उकसाते रहे हैं. पुलिस उनके खिलाफ एफसीआरए (FCRA) उल्लंघन और फंडिंग की भी जांच कर रही है.
डीजीपी ने आरोप लगाया कि 24 सितंबर को हुई हिंसा के दौरान "कथित पर्यावरण कार्यकर्ताओं" ने उकसाने वाले भाषण दिए और केंद्र सरकार के साथ चल रही वार्ता को पटरी से उतारने की कोशिश की.
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) का विरोध
हालांकि, लेह एपेक्स बॉडी (LAB) ने विदेशी हाथ होने की बात को खारिज किया है और न्यायिक जांच की मांग की है. एलएबी सह-अध्यक्ष चेरीन डोरजे ने कहा कि हिंसा पुलिस और सीआरपीएफ की "अंधाधुंध फायरिंग" से बढ़ी, जिसमें 90 से ज्यादा लोग घायल हुए. उन्होंने आरोप लगाया कि सुरक्षा बलों ने बिना पानी की बौछार या आंसू गैस का इस्तेमाल किए सीधे गोलियां चलाईं.
डोरजे ने कहा कि 24 सितंबर को भूख हड़ताल स्थल पर सामान्य दिनों के मुकाबले कई गुना अधिक लोग जुटे थे और माहौल बिगड़ गया. उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों के पास हथियार नहीं थे और उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान नहीं किया. डोरजे ने सरकार और सुरक्षा बलों पर आंदोलन को दबाने की साजिश रचने का आरोप लगाया और कहा कि "विदेशी हाथ" का तर्क सिर्फ अपनी गलतियों को छिपाने की कोशिश है.