बस- टैंकर की टक्कर में 18 की मौत, खूनी बन चुका है UP का यह एक्सप्रेसवे
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बस- टैंकर की टक्कर में 18 की मौत, खूनी बन चुका है UP का यह एक्सप्रेसवे

लखनऊ- आगरा एक्सप्रेस वे पर डबल डेकर बस और कैंटर की टक्कर में 18 लोगों की मौत हो गई है. इस एक्सप्रेस वे पर हादसे का यह पहला मामला नहीं है.


Double Decker Bus Accident News Unnao: दिन बुधवार सुबह साढ़े चार का वक्त था. जगह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर बांगरमऊ का इलाका. बिहार से एक डबल डेकर बस जा रही जो हादसे का शिकार हो गई. डबल डेकर बस को ओवरटेक के दौरान दूध से भरे टैंकर ने टक्कर मार दी. भीषण टक्कर का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि डबल डेकर बस कई दफा पलटी और बीच से फट गई. राहगीरों की जानकारी के बाद बांगरमऊ की पुलिस मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू हुआ.हादसे में 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं.

गंभीर रूप से घायल लखनऊ रेफर
हादसा उन्नाव के बेहटा मुजावर इलाके में किमी संख्या 247 के करीब हुआ था. डबल डेकर बस यूपी 95टी 4720 और दूध से भरे टैंकर यूपी 70 सीटी 3999 में टक्कर हो गई थी.
हादसे में जो लोग गंभीर रूप से घायल हैं उन्हें लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर किया दया है. जानकारी के मुताबिक मरने वालों में 14 पुरुष, तीन महिलाएं और 1 बच्चा शामिल है.

हादसे में जान गंवाने वालों के नाम

  • बीटू पुत्र राजेंद्र, थाना भादुर शिवहर बिहार
  • दिलशाद पुत्र अशफाक, थाना मोदीपुरम, मेरठ,यूपी
  • लालबाबू दास थाना हिरागा, शिवहर, बिहार
  • राम प्रवेश, थाना हिरागा, शिवहर, बिहार
  • बाबू दास, थाना हिरागा, शिवहर, बिहार
  • मोहम्मद सद्दाम थाना शिवहर, बिहार
  • नगमा पुत्री शहजाद, भजनपुरा, दिल्ली
  • शबाना पत्नी शहजाद, भजनपुरा, दिल्ली
  • चांदनी पत्नी शमशादस शिवोली, मुलहारी
  • शफीक पुत्र अब्दुल बसीर, शिवोली, मुलहारी
  • मुन्नी खातून पत्नी बसीक, शिवोली, मुलहारी
  • तौफीक आलम,शिवोली, मुलहारी

अप्रैल में भी हुआ था हादसा

इसी साल अप्रैल के महीने में कन्नौज जिले में ठठिया के पास लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर दिल्ली जा रही एक बस और ट्रक के बीच टक्कर हो गई थी. उस टक्कर में चार यात्रियों की मौत हो गई और 34 अन्य घायल हो गए थे. मई 2024 में भी हादसे के बाद स्लीपर बस के इंजन में आग लगी थी, बस चालक की मौत हो गई थी जबकि 10 लोग झुलस गए थे.

आखिर क्यों हो रहे हैं इतने हादसे

सवाल यह है कि यह 6 लेन की सड़क है बावजूद इतने हादसे क्यों हो रहे हैं. जानकार कहते हैं कि कहीं न कहीं ओवरस्पीडिंग, गलत तरीके से ओवरटेक वजह है. तकनीकी तौर पर अगर किसी वाहन में खराबी हो और उसकी वजह से हादसा हो तो आप समझ सकते हैं. लेकिन मानवीय खामियों की बात अलग मुद्दा है. अगर आपने देखा होगा तो प्राइवेट ऑपरेटर्स लंबी दूरी की गाड़ियों को चलाते हैं. ड्राइवर की संख्या कम होती है वो ड्राइविंग के बोझ तले दबे होते है, पर्याप्त नींद नहीं मिल पाती है. अगर आपने गौर किया हो तो रात में ढाई से लेकर साढ़े पांच तक हादसे अधिक होते रहे हैं. यह वो समय है जब ड्राइवरों को झपकियां आई हैं.

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