शरद पवार ने EVM में वोटों की गड़बड़ी का लगाया आरोप, कहा- मेरे पास सबूत...
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए डाले गए वोटों में गड़बड़ी का आरोप लगाया है.
Sharad Pawar alleged EVM: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत महायुति गठबंधन से प्रचंड बहुमत हासिल किया है. जबकि, महा विकास अघाड़ी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. हालांकि, चुनाव बीतने के बाद से ही ईवीएम पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. इसको लेकर शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग की आलोचना की थी. वहीं, अब एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिए डाले गए वोटों में गड़बड़ी का आरोप लगाया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के पास इस संबंध में कोई सबूत नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शरद पवार ने कहा कि ईवीएम के वोटों में कुछ अंतर है. लेकिन फिलहाल मेरे पास इस संबंध में कोई सबूत नहीं है. कुछ लोगों ने पुनर्मतगणना की मांग की है. इस मामले में जो भी संभव होगा, किया जाएगा. कुछ लोगों ने पुनर्मतगणना के लिए आवेदन किया है. देखते हैं कि इसमें क्या होता है. लेकिन मुझे इससे ज्यादा उम्मीद नहीं है.
पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में हाल ही में हुए चुनावों ने लोगों को बहुत बेचैन कर दिया है और दावा किया कि उनमें निराशा है. ऐसा पहली बार हुआ है, देश में हुए चुनावों ने लोगों को बहुत बेचैन कर दिया है, लोगों में निराशा है. हर दिन सुबह 11:00 बजे, विपक्षी नेता संसद में सवाल उठाते हैं.
पवार ने कहा कि वे अपनी बात रखते हैं. लेकिन संसद में उनकी मांगें नहीं मानी जा रही हैं और इसका साफ मतलब है कि संसदीय लोकतंत्र का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है. अगर यह ऐसे ही चलता रहा तो यह ठीक नहीं है और इसके लिए हमें लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करना होगा.
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद विपक्ष ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग की आलोचना की और कहा कि "पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है." कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का मानना है कि पूरी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता से गंभीर रूप से समझौता किया जा रहा है. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव एक संवैधानिक जनादेश है, जिस पर चुनाव आयोग की पक्षपातपूर्ण कार्यप्रणाली के कारण गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि वह इन सार्वजनिक चिंताओं को राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में उठाएगी. जवाब में, चुनाव निकाय ने उसके दावों को खारिज कर दिया. लेकिन इस मुद्दे पर आगे चर्चा करने के लिए 3 दिसंबर को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है.