EX CJI DY Chandrachud : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से महाविकास अघाड़ी ( MVA ) में हार के कारणों को लेकर तूफ़ान खड़ा हुआ है. खुद को छोड़ कर बाकी सभी कारणों को कसूरवार ठहराया जा रहा है. इसी क्रम में शिवसेना ( उद्धव ठाकरे ) गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने ईवीएम के बाद अब हार के लिए कहीं न कहीं देश के पूर्व मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ को भी ज़िम्मेदार ठहराया है. राउत ने रविवार (24 नवंबर) को मुंबई में कहा, "इस चुनाव में ईवीएम एक बड़ा मुद्दा रहा है. इस नतीजे को रहने दीजिए, लेकिन दोबारा मतपत्रों से चुनाव कराइए और हमें वही नतीजे दिखाइए." वरिष्ठ शिवसेना नेता की यह टिप्पणी कांग्रेस के नेतृत्व वाले महा विकास अघाड़ी गठबंधन के बाद आई है, जिसमें एनसीपी (सपा) और शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं, तथा विधानसभा में गठबंधन को 50 से भी कम सीटें मिलीं, जिससे भाजपा और उसके सहयोगियों को भारी जीत मिली.
राउत ने चंद्रचूड़ पर आरोप लगाया
राउत ने चुनाव परिणाम के लिए पूर्व सीजेआई चंद्रचूड़ को भी जिम्मेदार ठहराया. राउत ने ज्यादा विस्तार से बात न करते हुए कहा, "महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए चंद्रचूड़ जिम्मेदार हैं." चुनावों के दौरान, शिवसेना नेताओं ने महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी पार्टियों से अलग हुए विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर निर्णय न लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व सीजेआई की बार-बार आलोचना की थी. राउत ने दावा किया कि अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय न करके चंद्रचूड़ ने दलबदल के लिए दरवाजे और खिड़कियां खुली रखीं.
इसके अलावा राउत ने आरोप लगाया, "उन्होंने (चंद्रचूड़) दलबदलुओं से कानून का डर खत्म कर दिया है. उनका नाम इतिहास में काले अक्षरों में लिखा जाएगा."
2022 में अविभाजित शिवसेना में विभाजन के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले पार्टी के गुट ने एकनाथ शिंदे के साथ दलबदल करने वाले पार्टी विधायकों की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. शीर्ष अदालत ने अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय लेने का दायित्व विधानसभा अध्यक्ष पर डाल दिया.
ईवीएम पर आरोप
इस बीच, शिवसेना के कई नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर महाराष्ट्र में बहुमत हासिल करने के लिए ईवीएम में हेरफेर करने का आरोप लगाया. स्वरा भास्कर, जिनके पति फहाद अहमद ने अणुशक्ति नगर से चुनाव लड़ा था, ने कहा कि एनसीपी प्रतिद्वंद्वी सना मलिक 99 प्रतिशत बैटरी वाले ईवीएम पर आगे हैं, लेकिन कम बैटरी वाले ईवीएम पर पीछे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि चुनाव जनादेश से तय हुए या भाजपा द्वारा ईवीएम में छेड़छाड़ से.