महायुती 2.0 कैबिनेट : पुराने चेहरों पर ही जताया जा सकता है भरोसा
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महायुती 2.0 कैबिनेट : पुराने चेहरों पर ही जताया जा सकता है भरोसा

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फड़नविस ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि महायुती 1 सरकार में जो मंत्री रहे हैं उनके काम के आधार पर नयी ज़िम्मेदारी तय की जा रही है. चेहरों में ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा.


Maharastra Mahayuti 2.0: महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नविस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनके साथ ही शिवसेना के एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. यानी महायुती 2.0 सरकार का गठन हो गया है। अब सबकी निगाहें हैं महायुती 2.0 सरकार के कैबिनेट में, क्योंकि शिंदे के कभी हाँ कभी न वाले रवैये को देखते हुए सभी के मन में यही सवाल है कि महायुती में कहीं न कहीं खींचतान जारी है और कैबिनेट में हर पार्टी अपने लिए ज्यादा से ज्यादा जगह चाहता है।


मंत्रिमंडल में बदलाव पर फडणवीस का बयान
हालाँकि शपथ ग्रहण के बाद प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महायुति सरकार (भाजपा + शिंदे गुट + अजित पवार गुट) के गठन के बाद मंत्रिमंडल के विस्तार पर चर्चा जारी है। उन्होंने कहा, "मंत्रिमंडल में बहुत बड़े बदलाव की आवश्यकता नहीं है। हम तीनों दल मिलकर तय करेंगे कि किसे कौन सा मंत्री बनाना है और कौन सा विभाग सौंपना है। पिछली सरकार के मंत्रियों के प्रदर्शन का आकलन किया जा रहा है, और उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा।"


महायुति सरकार की प्राथमिकताएं
मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में फडणवीस ने कहा, "हमारे लिए महाराष्ट्र का विकास सर्वोपरि है। पिछले ढाई वर्षों में हमने राज्य की प्रगति के लिए कड़ी मेहनत की है। नई सरकार में भी हमारा फोकस इसी दिशा में रहेगा। भूमिकाएं जरूर बदली हैं, लेकिन दिशा और गति वही है। हम घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करेंगे और राज्य की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।"
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के औद्योगिक, सामाजिक और बुनियादी ढांचे के विकास को नई गति देने का प्रयास होगा।

विशेष सत्र और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव
फडणवीस ने जानकारी दी कि 7 दिसंबर से महाराष्ट्र विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र शुरू होगा। इस सत्र के दौरान 9 दिसंबर को नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस महीने के अंत में नागपुर में होने वाले शीतकालीन सत्र से पहले नई मंत्रिपरिषद का विस्तार किया जाएगा।

अजित पवार और शिंदे ने क्या कहा?
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि वो राज्य के कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, "हम किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता देंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे।" वहीं, एकनाथ शिंदे ने महायुति सरकार को जनता की सरकार बताया। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार हर वर्ग के लिए काम करेगी। महाराष्ट्र को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।"

महाराष्ट्र के सामने चुनौतियां
महायुति 2.0 सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। राज्य में किसानों से जुडी समस्याएं, आर्थिक असमानता, रोजगार के मुद्दे और औद्योगिक विकास जैसे महत्वपूर्ण पहलू सरकार की प्राथमिकता में रहेंगे। इसके अलावा, महायुति के तीनों दलों (भाजपा, शिंदे गुट, अजित पवार गुट) के बीच संतुलन बनाकर काम करना भी सरकार के लिए एक अहम चुनौती होगी।

शपथग्रहण समारोह में महायुती की ताकत का सन्देश भी दिखा
शपथग्रहण समारोह केवल सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक नहीं था, बल्कि भाजपा और उसके सहयोगियों द्वारा महाराष्ट्र में अपनी मजबूती और एकजुटता का प्रदर्शन भी था। प्रधानमंत्री मोदी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने इस बात को और स्पष्ट किया कि भाजपा महाराष्ट्र को 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए एक अहम राज्य मानती है।

महायुती 2.0 में आगे क्या ?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने नेतृत्व में स्थिरता और विकास का वादा किया है। जिस तरह से महायुती को प्रचंड बहुमत मिला है, उससे साफ़ जाहिर है कि जनता ने दिल खोल कर वोट दिए हैं तो उन्हें इस नई सरकार से बड़ी उम्मीदें भी हैं। अब ये वक्त ही बताएगा कि महायुती 2.0 से जनता को क्या मिलता है और क्या नहीं?


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