क्या अजीत पवार करेंगे घर वापसी? शरद पवार ने कह दी बड़ी बात
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क्या अजीत पवार करेंगे घर वापसी? शरद पवार ने कह दी बड़ी बात

शरद पवार ने यह साफ कर दिया कि अगर उनके भतीजे अजित पवार कभी भी पार्टी में वापस आना चाहेंगे तो इसका फैसला उनकी पार्टी करेगी.


Maharashtra Politics: शरद पवार ने आज राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कई नेताओं का अपने खेमे में स्वागत किया. अपने गुट की ताकत में उछाल के बाद उत्साहित 83 वर्षीय पवार ने यह साफ कर दिया कि अगर उनके भतीजे अजित पवार कभी भी पार्टी में वापस आना चाहेंगे तो इसका फैसला उनकी पार्टी करेगी, न कि वे. बता दें कि पिछले साल एनसीपी में विभाजन हो गया था, जब अजित पवार ने आठ विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार के साथ हाथ मिला लिया था.

वहीं, अब शरद पवार ने कहा कि सदन में सभी के लिए जगह है. जहां तक ​​पार्टी का सवाल है, मैं खुद फैसला नहीं लूंगा, मेरे साथ खड़े सभी लोगों से सलाह ली जाएगी. शरद पवार ने व्यक्तिगत रूप से अजित गव्हाने, राहुल भोसले, यश साने, पंकज भालेकर और करीब 20 पूर्व नगर निगम पार्षदों और अन्य इकाई प्रमुखों सहित वापस आए लोगों का पार्टी के झंडे, स्टोल और आशीर्वाद के साथ एनसीपी (शरदचंद्र पवार) में स्वागत किया.

बता दें कि पार्टी में विभाजन के बाद, चुनाव आयोग ने 6 फरवरी को अजित पवार के गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी और उनके नेतृत्व वाले समूह को पार्टी का चुनाव चिन्ह 'घड़ी' भी आवंटित किया. चुनाव आयोग ने शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह के लिए पार्टी का नाम 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार' आवंटित किया.

पिछले महीने शरद पवार ने कहा था कि जो लोग उनकी पार्टी को कमजोर करना चाहते हैं, उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा. लेकिन वे ऐसे नेताओं को स्वीकार करेंगे, जो पार्टी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. हाल के घटनाक्रम को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक तीन महीने पहले अजित पवार के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है. पूर्व एनसीपी पिंपरी-चिंचवाड़ इकाई के प्रमुख अजित गरवाने की घर वापसी महत्वपूर्ण है. पिंपरी चिंचवाड़ की विधानसभा सीट वर्तमान में भाजपा के पास है. गव्हाने ने दावा किया कि उन्होंने अजित पवार के गुट को इसलिए छोड़ा. क्योंकि वे क्षेत्र के लिए भाजपा द्वारा किए गए कार्यों से संतुष्ट नहीं थे.

गव्हाने ने कहा ने कहा कि पिंपरी-चिंचवाड़ में अजीत दादा और पवार साहब दोनों ने इसके विकास में योगदान दिया है. लेकिन साल 2017 से भारतीय जनता पार्टी पीपीएमसी (पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम) पर शासन कर रही है. यहां बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार है और इसके लिए मौजूदा विधायक जिम्मेदार हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ने में रुचि रखते हैं.

वहीं, शरद पवार की बेटी और एनसीपी (शरद पवार गुट) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि विपक्ष में कई लोग भी पवार की ओर बड़ी उम्मीदों से देखते हैं. यही वजह है कि वे उनके साथ जुड़ रहे हैं. हाल के लोकसभा चुनावों में अजीत पवार खेमे के खराब प्रदर्शन को क्रॉसओवर के लिए एक बड़ा ट्रिगर माना जा रहा है. इस चुनाव में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) की विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने 48 में से 30 सीटें जीतीं. भाजपा ने 9 सीटें जीतीं, जो साल 2019 के चुनाव में राज्य में जीती गई 23 सीटों से काफी कम है. इसकी सहयोगी शिवसेना ने सात सीटें जीतीं. अजित पवार की पार्टी ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के हिस्से के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन सिर्फ़ एक सीट रायगढ़ जीत सकी.

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