
नाशिक-पालघर में रेड अलर्ट, मराठवाड़ा में बाढ़ का बढ़ता खतरा
महाराष्ट्र में मूसलधार बारिश से 10 मौतें हुईं और 11,800 से अधिक लोग सुरक्षित निकाले गए। नाशिक, पालघर, मुंबई समेत कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी है।
महाराष्ट्र में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीते 24 घंटों में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11,800 से ज्यादा लोगों को विभिन्न जिलों से सुरक्षित निकाला गया। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, नाशिक जिले में चार मौतें हुईं, जिनमें से तीन लोग घर गिरने से मारे गए। इसके अलावा धाराशिव और अहमदनगर में दो-दो, जबकि जलना और यवतमाल में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई।
कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट
लगातार तीसरे दिन तेज बारिश जारी रहने के बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार (29 सितंबर) को मुंबई समेत कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया। नाशिक, पालघर, ठाणे, मुंबई सिटी, मुंबई उपनगर, रायगढ़ और पुणे को रेड अलर्ट पर रखा गया है। यहां गरज-चमक के साथ अत्यधिक बारिश और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है।
मराठवाड़ा सबसे ज्यादा प्रभावित
मराठवाड़ा क्षेत्र इस बार सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। गोदावरी नदी पर बने जायकवाड़ी बांध में पानी का बहाव बढ़ने के बाद सभी गेट खोल दिए गए। छत्रपति संभाजीनगर के पैठण से बाढ़ का खतरा देखते हुए लगभग 7,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। जिले के हरसूल सर्कल में बीते 24 घंटे में 196 मिमी बारिश दर्ज की गई। बीड, नांदेड़ और परभणी जिलों में भी भारी वर्षा हुई।
मुंबई में शनिवार रात से ही बारिश का दौर जारी है। रविवार को सुबह से दोपहर तक कई इलाकों में 50 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई। हालांकि दोपहर बाद बारिश की रफ्तार कुछ कम हुई। इसके बावजूद वाहन और रेल यातायात सामान्य रूप से चलता रहा।
ठाणे और पालघर में तबाही
ठाणे और पालघर जिलों में भी पिछले 24 घंटों में भारी वर्षा हुई। ठाणे जिले के भिवंडी तालुका से 71 परिवारों के 262 लोगों को बचाया गया। बीड जिले में एनडीआरएफ ने आस्टी क्षेत्र के सांगवी मंदिर से 12 फंसे लोगों को निकाला। वहीं नांदेड़ नगर निगम क्षेत्र के 970 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। गोदावरी नदी का जलस्तर यहां 354 मीटर तक पहुंच गया। धाराशिव जिले में बारिश कम होने के बाद राहत सामग्री बांटने पर जोर दिया जा रहा है।
अतिरिक्त वर्षा और खतरा
मराठवाड़ा के छह जिलों के 189 राजस्व सर्कल में औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। जायकवाड़ी बांध से पानी का डिस्चार्ज रात 10:30 बजे 2.92 लाख क्यूसेक तक बढ़ा दिया गया। नाशिक में गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे रामकुंड क्षेत्र के कई मंदिर जलमग्न हो गए। यहां से 21 लोगों को बचाया गया।
मुख्यमंत्री का दौरा और समीक्षा
राज्य में इस समय 16 एनडीआरएफ टीमें तैनात हैं, जबकि पुणे मुख्यालय में दो टीमें स्टैंडबाय पर हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठवाड़ा और सोलापुर के आठ जिलों की स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को जमीनी स्तर पर राहत और बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया। सोलापुर में भी भारी बारिश से फसलें बर्बाद हुई हैं।
फडणवीस ने कहा कि बारिश के चलते बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है, इसलिए प्रभावित इलाकों से लोगों को तत्काल निकालना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने जल संसाधन विभाग को स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर काम करने के निर्देश दिए।