दिल्ली में प्रदूषण पर बड़ी कार्रवाई: निर्माण स्थलों पर 7 करोड़ जुर्माना
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दिल्ली में प्रदूषण पर बड़ी कार्रवाई: निर्माण स्थलों पर 7 करोड़ जुर्माना

1750 साइट्स का निरीक्षण, 556 नोटिस, 48 स्थलों पर ताला; लाखों चालान, EV को बढ़ावा पर्यावरण मंत्री सिरसा ने दी विस्तृत रिपोर्ट


Action To Control Air Pollution : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर चिंता की वजह बना हुआ है। धूल, धुआं और स्मॉग से परेशान दिल्लीवालों को राहत कब मिलेगी, इसका जवाब अभी किसी के पास नहीं है।

इसी बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर एक बड़ा अपडेट साझा किया है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वाले निर्माण और औद्योगिक स्थलों पर इस साल अब तक 7 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।


दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिन्द्र सिंह सिरसा ने X पर लिखा कि माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ चल रहे अभियान को और सख्त करने के लिए DC, DM और DSIIDC के अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की।

सभी अधिकारियों को सख्त आदेश दिए हैं कि यह पूरा सर्वे 7 दिनों के भीतर पूरा करना होगा।

हमारी सरकार हर वो सख्त से सख्त कदम उठाएगी जो दिल्ली को वापस स्वच्छ हवा दे सके। आइए मिलकर दिल्ली की हवा को साफ बनाएं, अपने बच्चों का भविष्य बचाएं।


1750 स्थलों का निरीक्षण; 556 नोटिस, 48 यूनिट्स सील

सिरसा ने बताया कि राजधानी भर में चल रही निर्माण गतिविधियों और औद्योगिक साइट्स पर सख्ती बढ़ाई गई है।

सरकार और एजेंसियों की संयुक्त टीमों ने 1750 साइट्स का निरीक्षण किया। इनमें से 556 को नोटिस जारी किए गए, जबकि 48 साइट्स को सीधा बंद करने का आदेश दिया गया।

यह कार्रवाई मुख्य रूप से उन स्थानों पर की गई जहां धूल रोकने के उपाय नहीं अपनाए गए थे। ग्रीन कवर का पालन नहीं हो रहा था। एंटी-स्मॉग गन का उपयोग नहीं किया जा रहा था।


कंस्ट्रक्शन वेस्ट खुले में पड़ा था

सिरसा ने कहा कि “दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए अब सख्ती ही इकलौता तरीका है।” दो दिनों में 230 सड़कों और कूड़ाघरों का निरीक्षण

पर्यावरण मंत्री के अनुसार, सिर्फ पिछले दो दिनों में ही दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने राजधानी के 230 अलग-अलग स्थानों का निरीक्षण किया। इनमें मुख्यत :-

धूल उड़ने वाली सड़कें

कूड़ा उठान केंद्र

खुले में पड़े ठोस कचरे वाले पॉइंट

औद्योगिक इलाकों में धुआं छोड़ने वाली चिमनियां

इन इलाकों में नियमों के उल्लंघन पर तुरंत चालान और नोटिस जारी किए गए हैं।


कौन-कौन से विभाग एक्शन में - जुर्मानों की पूरी लिस्ट

सिरसा ने बताया कि कई एजेंसियों ने प्रदूषण नियंत्रण के काम में बड़ी भूमिका निभाई है।

विभागवार निरीक्षण और कार्रवाई इस प्रकार रही

दिल्ली नगर निगम (MCD) — 110 निरीक्षण

लोक निर्माण विभाग (PWD) — 36 निरीक्षण

दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) — 32 निरीक्षण

DSIIDC — 17 निरीक्षण

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) — 8 निरीक्षण

इन संयुक्त निरीक्षणों के बाद लगभग 1 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया।


चालानों का रिकॉर्ड टूटा - 8 लाख के करीब कार्रवाई

सिरसा ने बताया कि इस वर्ष प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) न रखने वाले वाहनों पर 7.97 लाख चालान काटे गए हैं।

पिछले वर्ष यह संख्या 4.33 लाख थी।

यानी इस बार चालानों में लगभग 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो बताती है कि सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर पहले से कहीं ज्यादा सख्त हो गई है।

सड़कों से धूल हटाने पर जोर—42 हजार से ज्यादा गड्ढे भरे

प्रदूषण का एक बड़ा कारण टूटी सड़कें और उड़ती धूल भी हैं।

सिरसा ने कहा कि इस साल अब तक -

42,017 गड्ढों की मरम्मत की गई है

जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 18,000 थी

यानी सड़क मरम्मत की गति दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ाई गई है।


दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या तेजी से बढ़ी

सरकार के अनुसार, दिल्ली में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। 15 नवंबर 2025 तक राजधानी में कुल 4.54 लाख EV पंजीकृत हो चुके हैं।

गत वर्ष 31 दिसंबर 2024 तक यह संख्या 3.46 लाख थी।

इसका मतलब है कि केवल दस महीनों में 1 लाख से ज्यादा नए EV सड़क पर आए, जिससे प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिली है।

प्रदूषण पर दिल्ली सरकार की सख्ती बढ़ी, लेकिन चुनौती अब भी बड़ी है। हालांकि जुर्माने, निरीक्षण, चालान और सख्त कदम अपनी जगह हैं, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण की समस्या अभी भी बदस्तूर जारी है।

दिल्ली सरकार दावा कर रही है कि कंस्ट्रक्शन साइट्स पर निगरानी, सड़क मरम्मत, वाहनों की जांच और EV प्रमोशन से हालात सुधरेंगे, लेकिन सर्दियों में प्रदूषण से निपटना सबसे कठिन माना जाता है।


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