गुरुवार की सुबह दिल्ली में होगा बड़ा बदलाव, वाहन चालक रहें सतर्क
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गुरुवार की सुबह दिल्ली में होगा बड़ा बदलाव, वाहन चालक रहें सतर्क

दिल्ली सरकार का कहना है कि राजधानी में प्रदूषण कम करने और स्वास्थ्य बचाने के लिए तीन बड़े कदम लागू होंगे। जनता का सहयोग हवा साफ करने में अहम रहेगा।


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No Oil Without PUC : दिल्ली की बढ़ती वायु प्रदूषण समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 18 दिसंबर से तीन बड़े नियम लागू करने का ऐलान किया है, जो राजधानी में वाहन संचालन और ऑफिस कार्यप्रणाली को सीधे प्रभावित करेंगे। इन नियमों का उद्देश्य न केवल प्रदूषण घटाना है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखना है। आम लोगों की रोज़मर्रा ज़िन्दगी पर जिस नियम का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा, वो है बगैर पीयूसी ( पोल्यूशन अंडर कंट्रोल ) सर्टिफिकेट वाले वाहनों को इंधन नहीं मिलेगा। इस नियम से अलग अलग श्रेणी के लोगों पर असर पड़ेगा.


पहला नियम: केवल बीएस-6 मानक वाले पेट्रोल और डीजल वाहन ही दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे। बीएस-4, बीएस-3 और पुराने वाहनों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं मिलेगा। पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं श्वसन और हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ाता है। इलेक्ट्रिक वाहनों को इस नियम से छूट दी गई है। इस कदम का असर विशेष रूप से नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद जैसे एनसीआर जिलों से आने वाले वाहनों पर पड़ेगा।

दूसरा नियम
: बिना वैध पीयूसीसी (Pollution Under Control Certificate) वाले वाहन ईंधन नहीं ले पाएंगे। पहले केवल चालान का प्रावधान था, लेकिन अब पेट्रोल या डीजल न मिलने के कारण ऐसे वाहन सड़क पर नहीं दौड़ पाएंगे। यह कदम उन लोगों के लिए भी चेतावनी है जो अपनी गाड़ी की प्रदूषण जांच समय पर नहीं कराते।

तीसरा नियम: दिल्ली के सभी सरकारी और निजी कार्यालयों को निर्देश दिया गया है कि वे कम से कम 50% कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दें। इससे सड़क पर निजी वाहनों की संख्या घटेगी, ट्रैफिक कम होगा और सार्वजनिक परिवहन में भीड़ कम होगी। साथ ही, लोग खुद को प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचा सकेंगे।

लोगों और व्यवसायों पर असर: नए नियमों से कैब चालकों और मालवाहक वाहन चालकों की आजीविका पर सीधा असर पड़ सकता है। कई चालक नई बीएस-6 या इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने की स्थिति में नहीं हैं। यात्रियों को भी कम वाहनों और बढ़ते किराए की संभावना से गुजरना पड़ सकता है।

जानकारी और जागरूकता: विशेषज्ञों का कहना है कि इन नियमों का पालन स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए जरूरी है। यदि जनता सार्वजनिक परिवहन अपनाए, पीयूसीसी और वाहनों की नियमित जांच कराए, और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़े, तो दिल्ली की हवा साफ करने में मदद मिलेगी। हर छोटे कदम से न केवल हमारी सेहत बेहतर होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।


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